श्रीनगर न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

घाटी में परिजनों का प्रदर्शन, कहा- स्कूल बंद करने से कौन सी आजादी मिल जाएगी?

By Rahul Sankrityayan
Google Oneindia News

श्रीनगर। श्रीनगर में पिछले कई महीनों से स्कूल बंद हैं जिससे वहां के स्कूली बच्चों की पढ़ाई को नुकसान हो रहा है। इसी के खिलाफ श्रीनगर के लोग सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया। उन्होंने अलगाववादी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी भी की।

KASHMIR

खोले जाएं स्कूल

खोले जाएं स्कूल

श्रीनगर में पिछले करीब 3 महीने से स्कूल बंद चल रहे हैं। अलगाववादी नेताओं की मांग पर स्कूलों में ताले पड़े हुए हैं। स्कूल बंद होने से बच्चों की पढ़ाई को नुकसान हो रहा है। इसी के खिलाफ बच्चों के परिजनों सड़क पर उतरे।

हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर उन्होंने विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई। प्रदर्शन के दौरान उनकी बस एक ही मांग थी कि स्कूल खुलने चाहिए।

प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी की पोती का स्कूल खुला हुआ हैं। वो आराम से परीक्षा दे रही हैं। ऐसे में हमारे बच्चों का भविष्य क्यों खराब किया जा रहा है।

गरीब लोगों को परेशान कर रखा है

गरीब लोगों को परेशान कर रखा है

प्रदर्शन कर रहे बच्चों के परिजनों का कहना था कि गिलानी साहब अपने परिवार को सुरक्षित रख रहे हैं और हम जैसे गरीब लोगों को परेशान कर रहे हैं। उनके प्रदर्शन के चलते हमें खामियाजा उठाना पड़ रहा है।

प्रदर्शन कर रहे बच्चों के परिजनों ने अपना चेहरा छुपा रखा था। जब उनसे पूछा गया कि आखिर वो ऐसा क्यों कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि हमें अपनी जान का खतरा है, इसलिए हमने अपने चेहरे छुपा रखे हैं।

स्कूल बंद होने से मिलेगी कौन सी आजादी?

स्कूल बंद होने से मिलेगी कौन सी आजादी?

प्रदर्शन कर रहे अधिकतर परिजनों ने अपने चेहरे को कपड़े से बांध रखा था। वहीं कुछ लोग केवल पोस्टर ही दिखा रहे थे। उन्होंने चेहरे को पोस्टर से ढंक रखा था।

अलगाववादी नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बच्चों के परिजनों का कहना था कि आखिर स्कूल बंद करने से इन लोगों को कौन सी आजादी मिल जाएगी? उनका ये सवाल उन अलगाववादी नेताओं से था जो घाटी के स्कूलों को खुलने नहीं दे रहे हैं।

स्कूल निशाने पर

स्कूल निशाने पर

जम्मू-कश्मीर में स्कूल आतंकवादी संगठनों के निशाने पर हैं। लश्कर ए तोएबा ने दावा किया है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की ओर से जारी विरोध प्रदर्शनों के कैलेंडर को सरकार की ओर से महत्व न दिए जाने के विरोध में स्कूल और कॉलेजों को टारगेट किया जा रहा है।

लश्कर ने दावा किया कि हुर्रियत की ओर से जारी कैलेंडर में कहा गया है कि सिर्फ शांति के समय ही बैंक शाम पांच बचे तक खुले रहेंगे लेकिन बैंक इस फरमान को मानने को तैयार नहीं हैं।

राज्य में ऐसे हालात 1990 के बाद एक बार फिर बने हैं। यह वो दौर था जब आतंकियों का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा था।

पांच स्कूलों को आग लगा दी गई

पांच स्कूलों को आग लगा दी गई

9 जुलाई को कश्मीर घाटी में भड़की हिंसा के बाद कई स्कूलों को आतंकियों और प्रदर्शनकारियों की ओर से निशाना बनाया गया।

जुलाई 2016 से अब तक कश्मीर घाटी में 23 स्कूल जलाए गए। बीते करीब साढ़े तीन महीनों में कश्मीर घाटी के सभी 10 जिलों में कम से कम एक स्कूल को आग के हवाले किया गया।

बीते पांच दिनों में ही पांच स्कूलों को आग लगा दी गई। कश्मीर में हिंसा के दौरान 17 सरकारी मिडिल, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल संदेहजनक परिस्थितियों में जल गए।

कश्मीर में दो बड़े निजी स्कूल भी आग की चपेट में आए जिससे काफी नुकसान हुआ।

अनंतनाग में वक्फ बोर्ड की ओर से चलाए जा रहे ऐतिहासिक स्कूल को भी आग के हवाले कर दिया गया। इसमें मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उनके दिवंगत पिता मुफ्ती मुहम्मद सईद ने भी बढ़ाई की थी।

मामले दर्ज लेकिन गिरफ्तारी नहीं

मामले दर्ज लेकिन गिरफ्तारी नहीं

17 में से सात को पूरी तरह जलाकर राख कर दिया गया जबकि 10 स्कूलों में कुछ नुकसान हुआ। दक्षिण कश्मीर के कुलगाम में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं।

यहां पांच स्कूलों को या तो पूरी तरह जलाकर राख कर दिया गया। कुछ में आंशिक नुकसान भी हुआ है।

मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में तीन स्कूलों को आग लगा दी गई। पुलिस ने सभी मामलों में केस दर्ज कर लिया है लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

Comments
English summary
Parents protest against shutdown of schools in Kashmir valley, say want hartal to end.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X