7 साल बाद साथ आए 3 अलगाववादी नेता, विपक्ष ने बताया 'खतरनाक खेल'
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर की मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार हमेशा से अलगाववादी नेताओं की समर्थक रही है। सीएम मुफ्ती ने कई बार माना है कि लोकतंत्र में अलगाववादियों को भी जगह दी जानी चाहिए। इसे मुफ्ती सरकार की नीति ही कहेंगे कि 7 साल बाद सरकार ने 3 अलगाववादी नेताओं को साथ मिलकर रैली करने की इजाजत दे दी।
अशांत कश्मीर में तीन प्रमुख अलगाववादी नेताओं, सैयद अली गिलानी, मीरवाइज उमर फारुक और मुहम्मद यासीन मलिक ने आज एक ज्वाइंट रैली की। रैली पुलिस फायरिंग में मारे गए किशोर सुहैल अहमद सोफी के घर के बाहर हुई।
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रैली में हुंकार भरते हुए जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक नेआरोप लगाया कि भारत उन्हें शांतिपूर्ण आंदोलन नहीं करने दे रहा है और उन्हें हिंसा की ओर धकेल रहा है। वहीं हुर्रियत नेता सैयद अली शाद गिलानी ने मुख्यमंत्री मुफ्ती पर तीखा हमला बोला। इस रैली में कश्मीर को आजाद करने के लिए नारे भी लगते रहे।
यहां रैली में जम्मू कश्मीर सरकार के खिलाफ नारे लगते रहे तो वहीं विपक्ष ने इस रैली की परमिशन देने पर मुफ्ती सरकार की आलोचना की और इसे खतरनाक खेल कररा दिया। विपक्ष ने उन पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की राह पर चलने का आरोप लगाया गया।