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नन्हे-मुन्हे बच्चों की मांग के आगे झुकना पड़ा जिलाधिकारी को

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गांदरबल। यह विश्वास करना कठिन है कि कभी दर्जन भर बच्चों के आगे डीएम को झुकना पड़ जाए। जी हां जम्मू कश्मीर के गांदरबल में दर्जन भर बच्चों ने सड़क पर प्रदर्शन करना शुरु कर दिया जिसके बाद यहां के डीएम को उनकी मांगे माननी पड़ी।

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हाथ में बल्ला, विकेट लेकर प्रदर्शन करने निकले बच्चे

क्रिकेट के बल्ले, विकेट और हॉकी लेकर तकरीबन दर्जन भर से अधिक बच्चों ने उत्तरी कश्मीर के इस शहर में इलाके के जिलाधिकारी दफ्तर की ओर मार्च शुरू कर दिया। इस मार्च में शामिल बच्चों में से किसी की भी उम्र सात साल से ज्यादा नहीं थी।

उम्र सात की और गाल लाल

कड़ाके की ठंड में समूह के कई बच्चों के गाल लाल थे, लेकिन उन्हें प्रशासनिक भवन की ओर मार्च करते हुए देखकर किसी भी व्यक्ति के लिए यह कल्पना करना मुश्किल था कि यह ठंड थी, गुस्सा था अथवा उत्साह था जिस कारण उनके गाल लाल हो गए थे।

स्थानीय निवासी बशीर वार (64) ने जब उनसे पूछा कि वे कहां जा रहे हैं, तो बच्चों ने कहा कि उन्हें डीसी (उपायुक्त/जिलाधिकारी) सरमद हफीज से एक बड़ी समस्या के सिललिसे में मिलना है, जिससे हम दो-चार हो रहे हैं।

बशीर का कहना है कि उन्होंने बच्चों की बात को हंस के टाल दिया और कहा जाओ, जल्दी जाओ क्योंकि अधिकारी तुम्हारा ही इंतजार कर रहे हैं।

गजब का आत्मविश्वास बच्चों में

बच्चे जिलाधिकारी के दफ्तर की ओर बढ़ते रहे। प्रशासनिक दफ्तर के बाहरी दरवाजे पर सुरक्षा कर्मियों ने बच्चों से हंसते हुए पूछा कि वे जिलाधिकारी से क्यों मिलना चाहते हैं। बच्चों ने विश्वास के साथ बुदबुदाते हुए कहा कि उन्हें अपनी समस्याओं पर चर्चा करनी है, जो कि सुरक्षा कर्मी के लिए जानना जरूरी नहीं है।

सामान जैसे दे रहे हैं वैसे ही वापस चाहिए

बच्चे जब जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे तो सुरक्षा कर्मी ने उनसे जिलाधिकारी के दफ्तर में प्रवेश करने से पहले अपने बल्ले, विकेट और हॉकी जमा करने के लिए कहा। बच्चों ने एक-दूसरे की ओर देखा और जमघट लगाकर चर्चा की और आखिरकार अपने खेलकूद के सामान को प्रवेश द्वारा पर जमा करने के लिए तैयार हुए।

उन्होंने सुरक्षा कर्मी के सामने यह शर्त भी रखी कि जिस हालत में इन्हें जमा कर रहे हैं उसी हालत में वापस चाहिए, ताकि जिलाधिकारी से मिलने के बाद वे अपने-अपने समान की आसानी से पहचान कर सकें।

बच्चों को देखकर जिलाधिकारी भी हैरान

वे हफीज के कमरे के बाहर तैनात निजी सुरक्षा कर्मियों और कार्यालय परिचारक के पास पहुंचे, जो कि त्वरित बैठकों की मांग के बारे में जिलाधिकारी को सूचित करते हैं। हफीज ने बताया कि उन सभी बच्चों को फेरन पहने हुए देखकर पहले तो मैं थोड़ा परेशान हुआ। इन बच्चों में कोई भी सात साल से ऊपर नहीं था। उन्होंने कमरे में प्रवेश किया और मुझे प्रणाम किया। मैंने उनसे बैठने को कहा और उनके इस तरह असाधारण रूप से आने का कारण पूछा।

मोहल्ले वालों की दादागीरी नहीं चलेगी

डीएम के सामने जिस दौरान एक बच्चा अपनी समस्या बता रहा था उस दौरान उनका अनुशासन देखकर मैं आश्चर्यचकित रह गया। बच्चों ने कहा कि वे लॉन और घर के आंगन में क्रिकेट खेलते हैं और हर दिन उनकी पिटाई होती है। क्योंकि उनकी गेंद से या तो किसी के घर का कांच टूट जाता है या फिर किसी बड़े व्यक्ति को चोट लग जाती है।

आखिरकार पूरी हुई मांग

हफीज ने कहा यह समस्या उनके लिए असहनीय हो गई थी और वह मेरा शीघ्र हस्तक्षेप चाहते थे। बच्चों ने जिलाधिकारी को एक खेल के मैदान के बारे में बताया जिस पर उन्होंने कहा कि राजस्व अभिलेखों में एक बार मैदान की आधिकारिक स्थिति का पता चल जाए इसके बाद बच्चों के लिए मैदान बहाल कर दिया जाएगा।

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English summary
District Magistrate has to surrender before the protest of innocent kids, kids were protesting for a play ground.
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