तीन बार के विंबलडन टेनिस विजेता बोरिस बेकर को लंदन की एक अदालत ने दीवालिया घोषित कर दिया है.
49 वर्षीय जर्मन खिलाड़ी को निजी बैंकरों की एक फ़र्म को भारी रकम चुकानी थी और अदालत ने पाया कि इस बात के पर्याप्त प्रमाण नहीं हैं कि वो ये राशि चुका पाएँगे.
सुनवाई लंदन में हुई मगर उसमें बोरिस बेकर मौजूद नहीं थे.
बेकर फ़िलहाल एक कोच हैं और बीबीसी तथा दूसरी मीडिया कंपनियों के लिए टीवी पर विश्लेषण करते हैं.
अदालत की रजिस्ट्रार क्रिस्टीन डेरेट ने कहा कि वे बड़े "खेद" के साथ ये फ़ैसला कर रही हैं कि बेकर पैसा नहीं लौटा पाएँगे.
उन्होंने कहा,"मुझे याद है जब मैंने उनको सेंटर कोर्ट पर खेलते देखा था, और इससे शायद मेरी उम्र का भी पता चलता है."
बेकर: टेनिस स्टारडम के बाद जीवन में क्या...
बेकर के ख़िलाफ़ दीवालिएपन का आवेदन आर्बथनॉट लैथम नाम की कंपनी ने दो साल पहले दिए गए एक ऋण के सिलसिले में किया था.
इस बारे में बेकर ने एक बयान जारी कर कहा कि वे हैरान और निराश हैं कि इस कंपनी ने उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने का फ़ैसला किया.
बेकर ने कहा, "ये फ़ैसला एक विवादित कर्ज़ के बारे में है जिसे मैं एक महीने के भीतर पूरा चुकाने वाला था".
उनके वकीलों ने अदालत से सुनवाई को 28 दिन तक टालने का आग्रह किया था. उनका कहना था कि मियोर्का में बेकर की संपत्ति का सौदा होने वाला है जिससे एक महीने के भीतर वे कर्ज़ लौटा पाएँगे.
मगर रजिस्ट्रार ने उनका अनुरोध अस्वीकार करते हुए कहा, "ये कोई आम बात नहीं है कि एक पेशेवर व्यक्ति अक्तूबर 2015 से कर्ज़ ना लौटा पा रहा हो. ये पुराना कर्ज़ है."
बेकर का टेनिस करियर
खेल जीवन से रिटायर होने के बाद बेकर कारोबार और मीडिया से जुड़े.
वे साथ ही 2013 से 2016 तक दुनिया के पूर्व नंबर वन खिलाड़ी नोवाक जोकोविच के कोच रहे.
वे इस साल भी 3 जुलाई से शुरु हो रही विंबलडन चैंपियनशिप में बीबीसी की कॉमेन्ट्री टीम का हिस्सा हैं.
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