नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। क्या महेन्द्र सिंह धोनी के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने से उनकी ब्रांड के रूप में हैसियत कम या खत्म हो जाएगी? क्या उन्हें अब नामवर कंपनियां अपना ब्रांड एंबेसेडर नहीं बनाएंगी? अगर कोई इस तरह से सोच रहा है तो उसे अपनी राय बदल लेनी चाहिए। धोनी को बड़ी कंपनियां अपना ब्रांड एंबेसेडर बनाती रहेंगी। वे मोटा माल काटते रहेंगे।
एनसीआर की प्रमुख रीयल एस्टेट फर्म आम्रपाली समूह के चीफ अनिल शर्मा ने कहा कि वे अपने साथ धोनी को जोड़कर रखेंगे। उन्हें इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को छोड़ दिया। धोनी गजब की पर्सनेल्टी हैं।
कइयों के ब्रांड एंबेसेडर
बता दें कि धोनी पेप्सी कोला, रीबॉक, एयरसेल, गल्फ ऑइल, स्टार स्पोर्ट्स, आम्रपाली वगैरह के ब्रांड एंबेसेडर हैं। वे एक ब्रैंड की इंडॉर्समेंट के लिए 8-10 करोड़ रुपये लेते हैं।
फिऱ छाएंगे
जानकारों का कहना है कि भारत अगले वर्ल्ड कप में बेहतर प्रदर्शन करता है तो धोनी फिर शिखर पर होंगे। वे वन डे और 20-20 मैच तो खेल ही रहे हैं। हालांकि कुछ बाजार के जानकार मानते हैं कि धोनी का अब पहला वाला जलवा नहीं रहेगा ब्रांड एंबेसेडर के रूप में। हालांकि उन्हें कुछ कंपनियों का तो काम मिलता रहेगा।
जानकारों ने बताया कि धोनी उन ब्रांड एंबेसेजडर्स में से हैं,जिन्हें कंपनियां बार-बार अपने साथ जोड़ती हैं। सचिन के साथ भी हालात नहीं थे। उन्हें एयरटेल ने एक समय के बाद अपना ब्रांड एंबेसेडर हटा दिया था।
बहरहाल, धोनी के बाद अब क्रिकेट की दुनिया में विराट कोहलीको कंपनियां ज्यादा से ज्यादा अपने साथ जोड़ना चाहेंगी। एक दौर में कंपनियों के पास सचिन तेंडुलकर, सौरभ गांगुली, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले, वीरेंद्र सहवाग और युवराज सिंह थे,जिनमें से वे किसी को अपना ब्रांड एबेंसेडर बना लेती थीं। खैर, देखते हैं कि धोनी को बाजार आगे किस तरह से लेता है।