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जब सचिन ने आपा खोया और खुद को बंद कर लिया कमरे में

[अंकुर सिंह] मास्टर ब्लास्टर सचिन यूं तो अपने शांत स्वभाव और भद्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। लेकिन सचिन की जिंदगी में एक ऐसा भी दौर आया था जब उन्होंने अपना आपा खो दिया था। दरअसल सचिन अपनी कप्तानी के दौर में भारतीय क्रिकेट के लिए अपना सबकुछ झोंक दिया करते थे, बावजूद इसके उन्हें लगातार निराशा हाथ लगने से वो काफी हताश थे।

दरअसल 1997 में भारत वेस्ट इंडीज के दौरे पर था। यह वह दौर था जब भारत विदेशी धरती पर अपने प्रदर्शन को लेकर हर तरफ से आलोचना का सामना कर रहा था। ऐसे में वेस्टइंडीज की टीम में कोर्टनी वाल्श कर्टली एंब्रोस, ब्रायन लारा और कार्ल हूपर जैसे धाकड़ खिलाड़ियों से लैस थी। वहीं वेस्टइंडीज की तुलना में भारत की टीम एक कमजोर टीम थी। हालांकि वीवीएस लक्ष्मण, सचिन तेंदुलकर, अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ जैसे खिलाड़ी थे।

इस दौरे में भारत के पास वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज जीतने का बेहतरीन मौका था लेकिन भारत ऐसा करने में कामयाब नहीं रही। तीन टेस्ट मैचों की सीरीज में दो मैच ड्रा हो गया था। ऐसे में तीसरे टेस्ट में भारत के पास जीत का पूरा मौका था। लेकिन पूरी भारतीय टीम ढह गयी थी। भारत को जीत के लिए महज 120 रनों की दरकार थी। यही नहीं सचिन भी महज 4 रन बनाकर आउट हो गये थे, वहीं पूरी टीम 81 रनों पर सिमट गयी थी।

इस हार के बाद सचिन काफी दुखी हो गये थे। और उन्होंने अपने आप को एक कमरे में बंद कर लिया था। यही नहीं सचिन ने इस हार को अपने 23 साल के कैरियर का सबसे खराब सीरीज बताया था। इसके बाद सचिन ने कप्तानी छोड़ने का मन बना लिया था साथ ही क्रिकेट को भी अलविदा कहने का मन बना लिया था। लेकिन अपने प्रशंसको के लगाव और समर्थन के चलते सचिन आगे भी खेलते रहे।

Story first published: Tuesday, November 14, 2017, 13:04 [IST]
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