मुंबई। क्रिकेट के दुनिया के शतकवीर सचिन तेंदुलकर रिकार्डों के आसन पर विराजमान हैं। भले ही आज वो क्रिकेट के मैदान से बहुत दूर हों लेकिन उनका रिकार्ड बनाना जारी है। अब आप पूछेंगे कि हम क्या बात कर रहे हैं तो सुनिए दरअसल बात यह है कि सचिन ने बुधवार को अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' का विमोचन किया है। जिसे प्रकाशित करने वाली हैचेट इंडिया ने शुक्रवार को बताया इस किताब के जारी होने से पहले ही इसके लिए 150,000 प्रतियों का ऑर्डर आ चुका था। इसमें हार्ड कवर और ई-कॉपी शामिल हैं। जो कि अपने आप में एक अनोखा रिकार्ड है।
हैचेट ने कहा कि 150,000 प्रतियों की संख्या डान ब्राउन की इंफेरनो, वॉल्टर आईजैक्सन की स्टीव जॉब्स और जेके रॉलिंग्स की कैजुअल वैकेंसी जैसी किताबों के लिए आए ऑर्डर से भी ज्यादा है।इससे पहले वॉल्टर आईजैक्सन द्वारा लिखी गई स्टीव जॉब्स की जीवनी के लिए सर्वाधिक 130,000 प्रतियों का प्री-ऑर्डर आया था।
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हैचेट इंडिया के प्रबंध निदेशक ऑमस अब्राहम ने कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि मास्टर ब्लास्टर के बल्ले के अलावा उनकी कलम भी रिकॉर्ड के मामले में आगे हैं। हमें उम्मीद है कि यह उनकी नई पारी की एक शुरुआत भर है।"
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गौरतलब है कि सचिन ने अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' अपने जीवन से जु़ड़े कई गहरे राजों को उजागर किया है। अपने किताब के बारे में बात करते हुए सचिन ने कहा कि यह पुस्तक मेरे लिए एक अलग तरह की पारी के समान है, जिस पर मैं पिछले तीन वर्षो से काम कर रहा था। अपने खेल की ही तरह मैंने इस पुस्तक में अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं का ईमानदारी के साथ वर्णन किया है। उम्मीद करता हूं पाठक इस पुस्तक का लुत्फ उठाएंगे।"