मुंबई। अपनों की ही नाराजगी की भेंट चढ़ीं अस्थायी रूप से निलंबित मुक्केबाज सरिता देवी के लिए अब क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने आवाज उठायी है। सचिन ने सरिता के करियर के लिए बकायदा एक खत खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल को लिखा है जिसमें उन्होंने नम्रता पूर्वक निवेदन करते हुए कहा है कि खेल मंत्रालय एक बार फिर से सरिता के बारे में विचार करे ताकी उसका करियर समय से पहले खत्म ना हो जाये।
सचिन ने खत में लिखा है कि मैं एक खिलाड़ी हूं और मैं अच्छी तरह से सरिता की मनोदशा को समझ सकता हूं। वो इस समय जिस मानसिक आघात से गुजर रहीं होंगी उससे उनके आने वाली जिंदगी पर भी असर पड़ सकता है कि इसलिए फिलहाल खेल मंत्रालय एक बार फिर से अपने फैसलों पर विचार करे ताकि हम एक होनहार औऱ दिग्गज खिलाड़ी के हूनर को ना खोएं।
सचिन की गुहार. प्लीज माफ करो सरिता को
एक गलती की सजा उसे इतनी भयानक नहीं मिलनी चाहिए, जो हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण हैं लेकिन वह अपना करियर जारी रखने के लिये एक और मौके की हकदार है। तेंदुलकर ने कहा कि मणिपुर की इस मुक्केबाज को उच्च स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति मिलनी चाहिए क्योंकि उन्होंने अपने व्यवहार के लिये पहले ही माफी मांग ली है।
गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) की कार्यकारी समिति ने भारतीय महिला मुक्केबाज सरिता देवी सहित उनके प्रशिक्षकों गुरबख्श सिंह संधू, ब्लास इग्लेसियस फर्नाडीज और सागर मल धयाल पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया है । एआईबीए ने इंचियॉन एशियाई खेल में भारत के प्रभारी अडिले जे. सुमारीवाला को भी निलंबित कर दिया है।
सरिता की एक गलती की सजा इतनी भारी नहीं हो सकती
दक्षिण कोरिया के इंचियोन में हाल ही में संपन्न हुए 17वें एशियाई खेलों के दौरान सरिता देवी द्वारा मैच में गलत रेफरिंग के प्रतिरोध स्वरूप पदक समारोह के दौरान पदक लेने से इनकार करने के कारण यह अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।
एआईबीए ने अपने बयान में कहा था, "इस मामले पर विचार के लिए इसे एआईबीए के अनुशासनात्मक आयोग को भेजा गया है। परिणाम स्वरूप सरिता देवी, उनके कोच और सुमरीवाला को महिला विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप-2014 में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं मिली है जो कि 13 नवंबर से दक्षिण कोरिया में चल रही है।