बेंगलुरू। पैरा-साइकलिस्ट आदित्य मेहता से एक बार फिर बदसलूकी की गई है। मामला बेंगलुरू एयरपोर्ट का है। जहां उनके कृत्रिम पैर जबरन हटाकर सुरक्षा अधिकारियों ने जांच की। ऐसी घटना उनके साथ दूसरी बार हुई है।
आदित्य मेहता, पैरा-साइकलिस्ट हैं। उन्होंने एशियन पैरालंपिक्स 2013 में दो बार पैरा साइकलिंग सिल्वर मेडल अपने नाम किया। आदित्य मेहता के साथ बेंगलुरू एयरपोर्ट पर बदसलूकी की गई।
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बताया जा रहा है कि जब आदित्य मेहता बेंगलुरू से हैदराबाद के फ्लाइट पकड़ने के लिए केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे तो वहां मौजूद सीआईएसएफ अधिकारियों ने उनके प्रोस्थेसिस (कृत्रिम पैर) हटाकर जांच की बात कही।
आदित्य मेहता ने अधिकारियों से कहा कि अगर वो ऐसा करते हैं तो उन्हें परेशानी होगी। उनकी फ्लाइट भी छूट सकती है। हालांकि अधिकारियों ने उनकी नहीं सुनी। बता दें कि दो महीने पहले भी हैदराबाद के रहने वाले साइकलिस्ट के साथ ऐसी ही घटना हुई थी।
आदित्य मेहता ने अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए सीआईएसएफ अधिकारियों की असंवेदनशीलत पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं एक शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्ति के मन पर मनोवैज्ञानिक झटका है।
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बता दें कि बेंगलुरू एयरपोर्ट पर आदित्य मेहता के प्रोस्थेसिस हटाने और लगाने में चोट भी लग गई। इस दौरान खून तक निकल आया। उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ अधिकारी ऐसे मामलों को संभालने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसी घटनाएं और कार्रवाई बेहद शर्मनाक है।
आदित्य मेहता ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि केआईए, बेंगलुरू में सुरक्षा जांच के दौरान फिर से मुझे प्रोस्थेटिक पैर हटाने के लिए मजबूर किया गया। ये संभवतः सीआईएसएफ की ओर से दशहरा गिफ्ट है। हालांकि उन्होंने इस पूरी घटना को दर्दनाक करार दिया है।