अर्जेंटीना के फ़ुटबॉल खिलाड़ियों के हड़ताल पर रहने के कारण शुक्रवार को होने वाले दौ मैच रद्द करने पड़े हैं.
अर्जेंटीना फ़ुटबॉल एसोसिएशन (एएफ़ए) और खिलाड़ियों के बीच बातचीत बेनतीजा रही है.
यहां अधिकांश क्लब भारी आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और उन्होंने कई महीनों से खिलाड़ियों का वेतन नहीं दिया है.
खिलाड़ियों की यूनियन ने कहा है कि यह हड़ताल तब तक चलेगी जबतक खिलाड़ियों को उनकी बकाया भुगतान नहीं मिल जाता.
इस हड़ताल में अर्जेंटीना के 200 क्लबों के खिलाड़ी शामिल हैं.
जो दो मैच स्थगित करने पड़े वो रोज़ारियो और ब्यूनस आयर्स में खेले जाने थे.
एएफ़ए पर टीवी प्रसारण के अधिकारों से संबंधित घोटाले में फंसने के बाद यह संकट शुरू हुआ.
इस सीज़न की शुरुआत गर्मी की छुट्टियों के बाद ही होनी थी, लेकिन संकट के कारण इसमें देर हुई.
हड़ताल से बचने के लिए अर्जेंटीना की सरकार ने मंगलवार को एसोसिएशन को 2.2 करोड़ डॉलर का भुगता किया.
ये राशि सरकार के साथ हुए टीवी प्रसारण समझौते के रद्द किए जाने के एवज़ में दी गई.
लेकिन खिलाड़ियों की यूनियन का कहना है कि यह राशि पर्याप्त नहीं है.
यूनियन ने कहा है कि अधिकांश क्लबों के अध्यक्षों ने ज़रूरत से ज़्यादा खर्च किया और उधार लिया है.
असल में 2014 में एएफ़ए के भूतपूर्व अध्यक्ष जूलियो ग्रोंडोना की मौत ने इस संकट को हवा दी.
ग्रोंडोना एसोसिएशन से 35 साल तक जुड़े रहे थे और अंतराष्ट्रीय फ़ुटबॉल नियामक निकाय फ़ीफ़ा के वाइस प्रेसिडेंट भी रह चुके थे.
फ़ीफ़ा में भ्रष्टाचार की जांच करने वाले अमरीकी अधिकारियों ने ग्रोंडाना को 'नंबर वन साजिशकर्ता' कहा था.
लेकिन अर्जेंटिना के विश्लेषक मानते हैं कि अर्जेंटिना फ़ुटबॉल में उनका काफी योगदान रहा है.
ब्यूनस आयर्स में बीबीसी के डेनियल पार्डो का कहना है कि हालांकि अधिकांश लोगों का मानना है कि उनकी ग़ैर मौजूदगी में इस खेल की सफाई थोड़ी पेचीदा होगी.