ऑस्ट्रेलिया की सीरिज अभी बाकी
टीम इंडिया भले ही टी-20 में अच्छा परफॉर्म करे लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उसे अपना स्तर बरकरार रखने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। वर्ष 2011 के बाद टीम इंडिया इंग्लैंड के दौरे पर गई। वहां 4-0 से हार का सामना किया। फिर ऑस्ट्रेलिया में 4-0 से हार मिली, फिर साउथ अफ्रीका में 1-0, न्यूजीलैंड में 1-0 और अब फिर इंग्लैंड में 3-1 से इंडियन क्रिकेट टीम को शिकस्त देखनी पड़ी है।
गैरी क्रिस्टर्न की मेहनत पर फेरा पानी
वर्ष 2011 में वर्ल्ड कप जीतने के बाद टीम इंडिया के पूर्व कोच गैरी क्रिस्टर्न के कार्यकाल के खत्म होने के बाद फ्लेचर को टीम इंडिया का कोच बनाया गया था। इस बात से शायद कोई भी इंकार नहीं करना चाहेगा कि क्रिस्टर्न अपनी मेहनत से टीम को जहां पर लेकर आए थे, फ्लेचर ने उस पर पानी फेर दिया है।
टेस्ट में खो रही पहचान
फ्लेचर के कार्यकाल में अब तक टीम इंडिया ने 33 टेस्ट मैच खेले हैं। इन 33 टेस्ट मैचों में से टीम इंडिया ने सिर्फ 12 में जीत दर्ज की और 15 में उसे मुंह की खानी पड़ी। वहीं वनडे में भी टीम को रिकॉर्ड कोई बहुत बेहतर नहीं है। लॉर्ड्स में टीम इंडिया को जो जीत हासिल हुई है, वह उसे 18 मैचो के बाद मिली है।
दुनिया में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले कोच
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के मुताबिक डंकन फ्लेचर के साथ बीसीसीआई ने वर्ष 2011 में जो करार किया है उस के तहत उन्हें 750,000 अमेरिकी डॉलर हर वर्ष अदा किए जा रहे हैं। हेराल्ड के मुताबिक इस सैलरी के साथ ही वह दुनिया के पहले ऐसे कोच है जिन्हें सबसे ज्यादा तनख्वाही मिल रही है।
क्या पिछली बार की तरह होगी तस्वीर
भारत को इस वर्ष के अंत में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है। वर्ष 2011 में टीम इंडिया बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थी और कोई भी मैच जीते बिना वापस लौट आई थी। ऑस्ट्रेलिया ने 4-0 से व्हाइट वॉश कर यह सीरिज अपने नाम कर ली थी।