नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) एक तरफ जिम्बाव्वे दौरे के लिए टीम इंडिया की घोषणा हो रही है, दूसरी तरफ कभी टीम इंडिया की जान रहे वीरेन्द्र सहवाग अब दिल्ली से बोरिया बिस्तरा बांध रहे हैं।
वे अब हरियाणा से रणजी ट्राफी में खेलने का मन बना चुके हैं।टेस्ट मैचों में दो ट्रिपल सैंचुरी ठोकने वाले सहवाग ने दिल्ली जिला क्रिकेट संघ(डीडीसीए) को अपने फैसले के संबंध में जानकारी भी दे दी है।
गंभीर से पंगा
कहने वाले कह रहे हैं कि दिल्ली रणजी ट्राफी टीम के कप्तान गौतम गंभीर से उनके संबंधों में खटास आने के बाद सहवाग ने दिल्ली क्रिकेट को छोड़ने का मन बनाया।
परम मित्र थे
एक दौर में गंभीर और सहवाग परम मित्र थे। दोनों दिल्ली से लेकर टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज के रूप में खेलते थे। पर बाद के दौर में दोनों के संबंध पहले की तरह नहीं रहे।
नाराज वीरू
सूत्रों का कहना है कि सहवाग को डीडीसीए के पदाधिकारियों से नाराजगी इसलिए भी है क्योंकि उन्होंने फिरोजशाह कोटला मैदान में उनके (सहवाग) के नाम का स्टैंड नहीं बनाया। हालांकि इस बाबत वादा किया गया था। सहवाग के बार-बार इस संबंध में डीडीसीए से बातचीत करने के बाद भी बात नहीं बनी।
हरियाणा से
बता दें कि सहवाग का संबंध मूल रूप से हरियाणा से ही है। उनका गांव दिल्ली से सटे हरियाणा में ही है। अब तो वे काफी समय से हरिय़ाणा में स्कूल और क्रिकेट अकादमी भी चलाते हैं।
वीरू से पहले पटौदी
सहवाग से पहले भी दिल्ली के बहुत से खिलाड़ी डीडीसीए के निकम्मेपन के कारण दूसरे राज्यों से खेलने के लिए जाते रहे हैं। इनमें मंसूर अली पटौदी(हैदराबाद),हरि गिडवाणी(बिहार), राजेन्द्र सिंह हंस (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं।
जानकारों ने कहा कि हरियाणा क्रिकेट संघ तो सहवाग को अपनी टीम से खिलाने को लेकर बहुत उत्साहित है। उसे लगता है कि सहवाग के टीम में आने से टीम का स्तर सुधर जाएगा।