धोनी को बिहारी कहा जाता था
धोनी को को शुरुआती दिनों में ड्रेसिंग रूम साथी खिलाड़ी बिहारी कह कर पुकारते थे। युवराज सिंह अक्सर मजाक में कहते थे कि चौके छक्के लगाने से कुछ नहीं होता, मैच जिताने वाली पारी खेलनी पड़ती है। लेकिन एकदिन धोनी ने उल्टा उन्हें जवाब दिया कि तुम हमेशा गुस्से में क्यों रहते हो जिसके बाद से दोनों हमेंशा के लिए अच्छे दोस्त बन गये।
कोच जॉन राइट ने वीरेंद्र सेहवाग का कॉलर पकड़ लिया था
2002 में नेटवेस्ट ट्राफी के दौरान जॉन राइट ने सेहवाग के गलत शॉट चयन के चलते ड्रेसिंग रूम में उनका कॉलर पकड़कर उनपर चिल्लाते हुए कहा था अपना बोरिया-बिस्तर बांध लो।
जब युवराज सिंह को दिल का दौरा पड़ा!
2000 में जब युवराज सिंह पहली बार टीम में शामिल किये गये तो सौरव गांगुली ने उनसे पूछा था कि ओपेन करेगा ना। इस सवाल के बाद युवराज सिंह इतना घबरा गये थे लेकिन किसी तरह उन्होंने खुद को संभालते हुए कहा था हां। लेकिन उस सवाल के बाद युवी को नींद की गोलियां तक खानी पड़ी थी। लेकिन बाद में गांगुली ने उनसे कहा कि मैं मजाक कर रहा था।
जब पूरी टीम ने गांगुली के साथ खेला प्रैंक
एक बार जब दादा ड्रेसिंग रूम में पहुंचे तो अखबार में उनके द्वारा अन्य खिलाड़ियों के बारे में सख्त टिप्पणी छपी थी। जिसके बाद युवराज सिंह और आशीष नेहरा के आंखों में आंशू थे। गांगुली खिलाड़ियों को देखकर काफी दुखी थे और उन्होंने कहा कि मैंने ऐसा कभी नहीं कहा और उन्होंने कप्तानी से इस्तीफे की बात तक दी। लेकिन दादा की मुश्किल देखकर राहुल द्रविड़ ने उनसे कहा कि आपके साथ मजाक हो रहा है आपको अप्रैल फूल बनाया गया है। जिसके बाद गांगुली बैट लेकर खिलाड़ियों की तरफ दौड़े थे।
जब आग बबूला होकर तेंदुलकर पहुंचे ड्रेसिंग रूम
2004 में मुल्तान टेस्ट के दौरान सचिन 200 रन से महज 6 रन दूर थे लेकिन तभी कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी घोषित कर दी। जिसके बाद सचिन काफी गुस्से में ड्रेसिंग रूम में पहुंचे और वह सिर्फ द्रविड़ से चिल्लाते हुए बोले कि मुझे अकेला छोड़ दो। लेकिन इसके बाद राइट और द्रविड़ ने उनसे इसके लिए मांफी मांगी।
जब कपिल ने दाउद से बोला चल बाहर चल
एक दौर था जब दाउद इब्राहीम की क्रिकेट ड्रेसिंग रूम में आवाजाही बनी रहती थी। 1987 में शारजाह टूर्नामेंट के दौरान दाउद ने ड्रेसिंग रूम में कहा कि अगर पाकिस्तान को हराने में कामयाब होते हैं तो हर खिलाड़ी को एक-एक कार मिलेगी। लेकिन इतना कहते ही कपिल ने दाउद को बाहर का रास्ता दिखाते हुए कहा चल बाहर चल।
जब गावस्कर खुद को नहीं रोक पाये
1971 में विश्व एकादश का मैच था जिसमें फारुक इंजीनियर और सुनील गावस्कर को टीम में जगह मिली थी। युवा और कम अनुभव वाले गावस्कर के साथ ओपनिंग करने उतरे इंजीनियर ने उनसे कहा कि जीरो पर आउट मत हो जाना वापस जाते हुए मेलबर्न का पवेलियन सबसे लंबा लगता है। लेकिन जब इंजीनियर 0 पर आउट हुए तो गावस्कर जरूर जोर-जोर से हंसने लगे होंगे।
विराट कोहली का ड्रेसिंग रूम में पहला दिन
जब पहली बार कोहली ड्रेसिंग रूम में आये तो अन्य खिलाड़ियों ने उनके साथ प्रैंक का प्लान बनाया और उनसे आकर कहा कि जो भी नया खिलाड़ी टीम में आता है वह सचिन के पैर छूता है। इसके बाद जब सचिन आये तो कोहली उनका पैर छूने के लिए आगे बढ़े तभी सचिन ने उन्हें रोकते हुए पूछा कुछ चाहिए क्या। लेकिन जब कोहली ने माजरा बताया तो सचिन ने कहा कि तुम्हारे साथ मजाक हुआ है इंडियन टीम में स्वागत है।
जब सचिन बने चकदे के कबीर
2003 विश्वकप के दौरान भारतीय टीम काफी हताश और मायूस थी। लेकिन सचिन का एक भाषण जो उन्होंने पूरी टीम को दिया उसके बाद पूरी टीम ने जी जान के साथ अपना प्रदर्शन किया और टीम ने लगातार 8 मैच जीते और विश्वकप के फाइनल तक पहुंचायी थी।
टीम इंडिया के सबसे बड़े फैन को मिला ड्रेसिंग रूम में आने का मौका
सुधीर चौधरी सचिन तेंदुलकर और टीम इंडिया के बहुत बड़े फैन हैं और सचिन ने खुद उन्हे कई बार मिलकर उन्हें सम्मानित किया है। लेकिन 2011 का विश्वकप जीतने के बाद सचिन उन्हें ड्रेसिंग रूम में विश्वकप उठाने का मौका दिया था।