नई दिल्ली। बड़ौदा के एक मध्यमवर्गीय परिवार से भारतीय टीम की तक की इरफान पठान की यात्रा प्रेरणादायक है। इसी को ध्यान में रखते हुए एक समय भारतीय क्रिकेट टीम के खतरनाक स्विंग बॉलर के रूप में अपनी पहचान कायम करने वाले क्रिकेटर इरफान पठान के क्रिकेट करियर पर एक पी-एच.डी. के लिए थीसिस तैयार की गई है। तनवीर शेख द्वारा तैयार किए गए इस थीसिस का विमोचन खुद इरफान पठान ने किया। इस थीसिस में खुलासा किया गया है कि आखिर इरफान पठान का क्रिकेट करियर क्यों खत्म हो गया। तनवीर शेख ने 202 पेज की थीसिस में खुलासा किया है कि कैसे इरफान टॉप लेबल तक पहुंचे और कैसे उनके क्रिकेट करियर में डाउनफॉल स्टार्ट हुआ।
थीसिस के मुताबिक क्रिकेट खेलने के दौरान इरफान कई बार घायल हुए। इस दौरान जो भी उन्हें सलाह देता, वे उसी का पालन करते। यही उनके लिए घातक सिद्ध हुआ। यहीं से उनका डाउनफॉल शुरू हो गया।
खुद इरफान पठान इस बात को स्वीकारा है। उन्होंने कहा कि "2012 में मैं बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, तब मुझे यह विश्वास था कि मुझे टेस्ट के लिए बुलाया जाएगा। बस दुर्भाग्य से उसी समय मैं फिर चोटिल हो गया। चोटिल होने के बाद भी 10 दिनों में से 9 दिन मैं मैदान पर खेलने गया, यह चोट मेरा टर्निंग प्वाइंट रहा।"
आपको बता दें कि तनवीर शेख गुजरात और वडोदरा महिला क्रिकेट टीम में शामिल होकर नेशनल मैच खेल चुकी हैं। वे इस समय राजपीपला में फिजिकल एजुकेशन संस्था में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम कर रही हैं। तनवीर ने बताया कि "मैंने अपने पी-एच.डी. की थीसिस के लिए इरफान की क्रिकेटिंग लाइफ का विषय चुना। 2012 में गुजरात यूनिवर्सिटी में थीसिस का रजिस्ट्रेशन करवाया। इसके बाद 202 पेज की थीसिस तैयार की। इसके लिए मुझे 5 साल लगे। मुझे विश्वास है कि नए क्रिकेटरों के लिए मेरी यह थीसिस प्रेरणास्वरूप होगी।"
तीन बच्चों की मां तनवीर शेख इरफान पठान के बचपन के कोच मेंदही शेख की बेटी हैं। उनकी थीसिस - 'इंटरनेशनल क्रिकेटर इरफान पठान पर एक केस स्टडी' एचएएल कॉलेज ऑफ कॉमर्स, अहमदाबाद के एन जे चनियारा के मार्गदर्शन में लगभग पांच साल तक के अथक प्रयासों के बाद पूरी हुई है।