तीखा सफर
लेकिन अबकी बार सौरव उर्फ दादा को क्रिकेट के मैदान पर नहीं बल्कि ट्रेन के डिब्बे में गुस्सा आया है, अब आप पूछेंगे कैसे तो सुनिए, दरअसल पूरे 15 साल बाद ट्रेन की यात्रा करने वाले गांगुली के लिए ये सफर सुहाना नहीं बल्कि तीखा बन गया।
15 साल बाद ट्रेन का सफर कर रहे थे गांगुली
आपको बता दें कि गांगुली को पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर जिले में अपनी कांस्य मूर्ति के अनावरण के लिए ट्रेन से यात्रा करनी थी इसलिए वो कोलकाता से पदातिक एक्सप्रेस से एसी फर्स्ट क्लास में चढ़े लेकिन जब वो अपनी सीट पर पहुंचे तो वहां पर पहले से कोई यात्री बैठा हुआ था, उसने कहा कि ये सीट उसको आवंटित हुई है इसलिए वो यहां से नहीं हटेगा, जिसे लेकर दादा और उस व्यक्ति की बहस हो गई।
अभिषेक डालमिया
इस दौरान गांगुली संग बंगाल क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिन अभिषेक डालमिया भी थे, सीट को लेकर बहस होने के बाद गुस्से में सौरव ट्रेन से ही उतर गए, वहां पर भीड़ भी जमा हो गई।
तकनीकी कारणों से समस्या
भीड़ का जमावड़ा देखकर रेल मंत्रालय के आला अधिकारी वहां पहुंचे और उन्होंने मामले की पड़ताल की, दोनों ही इंसान अपनी-अपनी जगह सही थे।तकनीकी कारणों की वजह से एक ही सीट दो लोगों को दे दी गई थी।
प्रतिमा का अनावरण
फिलहाल थोड़ी देर बाद सौरव को एसी-2 की एक सीट दी गई, जिस पर बैठकर गांगुली दिनाजपुर जिले पहुंचे, जहां उन्होंने अपनी विशाल कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। आपको बता दें गांगुली की ये प्रतिमा आठ फुट ऊंची है।