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जब तपती दोपहरी में सचिन ने 48 घंटों में खेले दो मैच, ऑस्ट्रेलिया के छुड़ाए छक्के

क्रिकेट की पिच पर लगभग हर बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के लिए भी दो पारियां ऐसी थी जिसके लिए उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा था।

मुबंई। क्रिकेट की पिच पर लगभग हर बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के लिए भी दो पारियां ऐसी थी जिसके लिए उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ा था। शारजहां में सचिन तेंदुलकर, इस शब्द को सुनते ही लोगों के दिलो दिमाग में अप्रैल 1998 के वे मैच घूम जाते हैं जब सचिन तेंदुलकर ने 48 घंटों के दरमियान अपने करियर की दो बेहतरीन पारियां खेली थीं। एक प्रमोशनल ईवेंट के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए सचिन तेंदुलकर ने शारजहां में खेले गए उस मैच के बारे में बताया जब उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ा था।

पहले मैच में खेली थी 143 रनों की पारी, हुए थे गलत फैसले का शिकार
सचिन ने बताया कि शारजहां में अप्रैल के महीने में खेलना कितना शारीरिक रूप से कठिन था। उस समय ऑस्ट्रेलिया एक अजेय टीम थी और ऐसी टीम के खिलाफ बेहतरीन पारी खेलना अपने प में बड़ी बात थी। सचिन ने वर्चुअल नॉकआउट मैच में 143 रनों की पारी खेली थी। हालांकि इस मैच में सचिन को अंपयार के गलत फैसले का शिकर होना पड़ा था। सचिन की शानदार पारी के बावजूद भारत को इस मैच में हार का सामना करना पड़ा था। टीम इंडिया ये मैच 25 रनों से मैच हार गई थी। हालांकि भारत त्रिकोणीय सीरीज के फाइनल में पहुंच चुका था भारत को फाइनल ऑस्ट्रेलिया के साथ दो रात के बाद खेलाना था।

दूसरे मैच में 134 रनों की तूफानी पारी
सचिन ने मीडियाा से बात करते हुए कहा- "अप्रैल महीने की परिस्थितियों को देखते हुए तापमान काफी ज्यादा था और आप अपने जूतों और मोजों में इसकी गर्मी महसूस कर सकते थे और पहली चीज आपको करनी थी कि आप अपना पैर बर्फ से भरी बाल्टी में डालें।" गौरतलब है कि लगभग 48 घंटे बाद खेले गए इस मैच में सचिन ने 134 रनों की पारी खेली थी। जिसकी बदौलत भारत ने फाइनल जीता था। इस मैच में सचिन ने शेन वॉर्न जैसे बड़े गेंदबाज की जमकर धुनाई की थी।

48 घंटों में केले थे दो मैच
तेंदुलकर ने कहा, "मेरी बात करें तो वहां रुकना और ऑस्ट्रेलिया जैसी नंबर 1 टीम के खिलाफ खेलना बहुत कठिन था। इस तरह से उन्हें बेहतरीन अंदाज में हराना संतुष्टि भरा रहा।" सचिन ने मीडिया को बताया, "साल 1998 में शारजहां में खेले गए उन दो मैचों का अनुभव अलग था जो मैंने 48 घंटों के अंतराल में खेले थे। उन दिनों हम शारजहां में खेला करते थे और दुबई से आते थे। जिस समय तक हम होटल पहुंचते थे, अनपैक करते थे और बैठते थे तब तक रात के 2 बज जाते थे। एक दिन बाद फाइनल था जो आसान नहीं था।" आपको बता दें कि इस त्रिकोणीय सीरीज में न्यूजीलैंड तीसरी टीम थी। 20 अगस्त को होने वाली आईडीबीआई लाइफ इंश्योरेंस मुंबई हाफ मैराथन के चेहरा बने सचिन ने हिस्सा लेने वाले 100 धावकों को जूते दान किए। सचिन ने लोगों के साथ फिटनेस को लेकर भी खूब बातें की।

Story first published: Monday, November 13, 2017, 11:19 [IST]
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