नई दिल्ली। आज चारों ओर केवल टीम इंडिया के लीजेंड मैन अनिल कुंबले के ही चर्चे हैं। सादगी पसंद, संतुलित बोलने वाले वक्ता और महान गेंदबाज के केवल भारतीय ही नहीं बल्कि दुनिया मुरीद है, इसलिए जब उनका नाम टीम इंडिया के हेड कोच पद के लिए सेलेक्ट हुआ तो लोग खुशी से झूम उठे।
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कुंबले ने अपने जीवन के कीमती 18 साल इंडियन क्रिकेट को दिये हैं, इन 18 सालों में इस गुगली एक्सपर्ट ने क्रिकेट प्रेमियों को ना जाने कितने मौके गौरवान्वित होने वाले दिये हैं। 'जंबों' के नाम से लोकप्रिय कुंबले का करियर बेदाग और स्वच्छ रहा है, बतौर क्रिकेटर तो कुंबले लाजवाब हैं ही लेकिन अपनी रीयल लाइफ में भी वो एक बेहतरीन इंसान के तौर पर जाने जाते हैं।
नब्बे के दशक में जब कुंबले चश्मा लगाकर और मंद-मंद मुस्कुराहट के साथ मैदान पर बॉलिंग करने के लिए उतरते थे तो ना जाने कितनी लड़कियों के दिल डोल जाते थे, कुंबले टीम इंडिया की उस जमात में शामिल थे, जिनकी सबसे ज्यादा लड़कियां फैन हुआ करती थीं, इसलिए जब कुंबले की शादी की खबर आयी तो लड़कियों के ऊपर पहाड़ टूट पड़ा था।
अपनी पर्सनल लाइफ को हाईलाइट ना करने वाले कुंबले की लवलाइफ इसलिए सुर्खियों में आयी क्योंकि कुंबले ने अपने लिए एक शादी-शुदा खूबसूरत लड़की चेतना को चुना था। चेतना उस समय एक एक ट्रैवल एजेंसी में काम करती थीं, लेकिन वो अपनी पहली शादी से खुश नहीं थीं।
कुंबले ने खेली प्यार वाली गुगली
इसलिए उनका प्यार और रिश्ते पर से भरोसा उठ गया था। लेकिन कुंबले ने अपने प्यार की गुगली से आखिरकार चेतना के दिल पर फतेह पा ही ली।
उस समय की कुछ पत्रिकाओं में छपी खबर के मुताबिक कुंबले ने चेतना को पाने के लिए लंबी मशक्कत की थी। उन्होंने हर वो संभव कोशिश की थी, जिससे चेेतना को वापस प्यार पर भरोसा आ जाये। अपनी इस कोशिश में आखिरकार वो सफल भी हुए और चेतना के दिल के बॉस बन गये।
अनिल-चेतना को तीन बच्चे
आज दोनों के प्यार की बगिया में तीन बच्चे हैं। दो बच्चे (बेटा मयस और बेटी स्वास्ति) अनिल और चेतना के हैं तो एक बेटी (आरुणी) चेतना को अपनी पहली शादी से है लेकिन कुंबले का प्यार हर बच्चे के लिए बराबर है।
मीडिया में स्पेशल कवरेज पाने वाले अनिल कुंबले ने कभी भी पर्सनल लाइफ को लोगों के सामने डिस्कस नहीं किया। अक्सर क्रिकेटर्स की पार्टियों में वो अपनी फैमिली के साथ शरीक होते हैं और जीवन का हर पल इंज्वाय करते हैं। कुंबले और चेतना को लोग परफेक्ट मैच कहते हैं।