पाकिस्तान सुपर लीग में हुए स्पॉट फिस्किंग स्कैंडल के मामले में निलंबित चल रहे पाकिस्तानी ओपनर बल्लेबाज खालिद लतीफ ने स्पॉट फिक्सिंग की सुनवाई का बहिष्कार दिया है। खालिद का ओरप है कि एक ट्रिब्यूनल ने उन्हें अपने रिकॉडेड इंटरव्यू की कॉपी देने से इनकार कर दिया है। इसी बात से गुस्साए खालिद ने सुनवाई का बहिष्कार कर दिया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने लतीफ पर कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन करने के छः आरोप लगाए हैं। खालिद लतीफ उन पांच खिलाड़ियों में शामिल थे जिनकी टी-20 लीग के दूसरे सीजन में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की गई थी। बोर्ड ने लतीफ को टूर्नामेंट के शुरूआत में ही बिना कोई मैच खेले निलंबित कर दिया था। लतीफ पर लगे स्पॉट फिक्सिंग के मामले में वर्तमान में तीन सदस्यीय ट्रिब्यूनल द्वारा सुनाई की जा रही है।
"बहिष्कार के लिए हमें मजबूर किया गया"
लतीफ के वकील बदरे आलम ने कहा कि उन्हें (लतीफ) ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया। वकील के मुताबिक फरवरी में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के भ्रष्टाचार विरोधी ट्रिब्यूनल ने खालिद लतीफ का एक इंटरव्यू रिकॉर्ड किया था। जिसकी कॉपी मामले की सुनवाई कर रहे ट्रिब्यूनल के पास है। वकील के मुकाबिक- "हमने अपने क्लाइंट के इंटरव्यू की एक कॉपी मांगी जिसे ट्रिब्यूनल ने देने से इन्कार कर दिया जोकि हमारा अधिकार है। जिसके बाद मेरे क्लाइंट को सुनवाई का बहिष्कार करना पड़ा।"
बल्ले की ग्रिप था स्पॉट फिक्सिंग का चिन्ह!
वकील ने कहा- "जब तक हमें साक्षात्कार की कॉपी नहीं मिल जाती तब तक हम कार्यवाही जारी नहीं रखेंगे, हमने उन्हें (ट्रिब्यूनल) बताया कि हम भाग नहीं रहे हैं, लेकिन हम कानूनी शर्तों में बात कर रहे हैं।" हालांकि पीसीबी के वकील तफाज़ुल रिजवी का कहना है कि न्यायाधिकरण (ट्रिब्यूनल) में लतिफ की उपस्थिति के बिना भी ट्रिब्यूनल आगे बढ़ सकता है। रिज्वी के मुताबिक- "यदि कोई खिलाड़ी या भागीदार ट्रिब्यूनल के समक्ष पेश नहीं होता है तो ट्रिब्यूनल के पास कानून के मुताबिक शेष मामले को सुनने और निर्णय देने का पूरा अधिकार है।" आपको बता दें कि पीसीबी ने कहा था कि उसने एक सट्टेबाज द्वारा लतीफ को दिया गया बैट ग्रिप (बल्ले के हत्थे पर चढ़ाई जाने वाली रबड़) सीज की थी। बोर्ड के मुताबिक लतीफ पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान स्पॉट फिस्किंग के लिए उस ग्रिप का इस्तेमाल करने वाला था।