21 साल की उम्र में पहनीं टेस्ट कैप
ना बल्ला ना जूते और ना ही कोई कोचिंग, था तो केवल एक जूनून जिसने अजहर को क्रिकेट के मैदान से भारत का स्टार क्रिकेटर और कैप्टन बनाया। एक वक्त था जब दौलत-शौहरत अजहर के कदम चूमती थी। मात्र 21 साल की उम्र में 1984 में भारत के लिए टेस्ट कैप पहनने वाले अजहर का एक जुदा अंदाज था, उनकी चलने की स्टाइल से लेकर कॉलर को ऊंचा रखने तक की अदाएं लोग कॉपी करते थे।
मैच फिक्सिंग के चलते अजहर का करियर खत्म
लेकिन इस सुनहरी बुंलदी को नजर तब लगी जब मैच फिक्सिंग जैसे काले बादल ने अजहर को अपनी चपेट में लिया। साल 2000 में उन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा और इसने उनके कैरियर को हमेशा के लिए खत्म कर दिया और उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया गया जो 2012 तक जारी रहा, इस दौरान अजहर ने अपनी लाइफ में काफी उतार-चढ़ाव देखे, उनकी पर्सनल लाइफ भी लोगों के बीच हॉट टॉपिक बन गई लेकिन एक फाइटर की तरह जिंदगी के मैदान में भी अजहर डटे रहे।
लोग भूल गए उनकी कामयाबी
इस दौरान साल 2009 में उन्होंने राजनीतिक पारी भी शुरू की और मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने। हालांकि साल 2012 में वो सारे आरोपों पर बरी हो गए लेकिन इस दौरान लोगों ने उनकी सारी उन कामयाबी को भूला दिया जिसने कभी भारत का सीना फक्र से चौड़ा किया था।
खास बातें
- मोहम्मद अजहरुद्दीन टीम इंडिया के एक मात्र क्रिकेटर हैं जिन्होंने 1984 में कोलकाता से अपना डेब्यु किया और उस मैच में शतक के साथ शुरूआत की।
- इस मैच में उन्होंने 110 रन बनाये।
- इसके बात सीरीज के अगले दो मैचों चेन्नई में 105 और कानपुर में 122 रन के साथ सेंचुरी की हैर्टिक लगा दी।
- ये कमाल करने वाले वो अकेले खिलाड़ी हैं।
- मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपने पहले और आखिरी दोनों टेस्ट में शतक बनाये हैं।
- अजहरुद्दीन ने 1988 में न्यूजीलैंड के खिलाफ मैच में 65 गेंदो में 108 रन बना कर एकदिवसीय मैच में सबसे तेज शतक बनाने का रिकॉर्ड बनाया।
- अजहर भारतीय टेस्ट टीम में 1990 से 99 तक कप्तान रहे।
- अजहर की कप्तानी में टीम इंडिया ने कुल 47 टेस्ट मैच खेले।
- जिसमें 14 मैच में जीत और 14 मैचों में हार मिली।
- अजहर की कप्तानी में टीम इंडिया ने 174 वनडे मैच खेले।
- जिसमें 90 मैचों में जीत और 76 मैचों में हार मिली।
- भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विश्व कप में कप्तानी करने का रिकॉर्ड भी अजहर के ही नाम है।