हैदराबाद। मुम्बई इंडियंस टीम ने सांस रोक देने वाले मुकाबले में जीत हासिल करते हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें सीजन का खिताब जीत लिया है। यह मुम्बई की तीसरी खिताबी जीत है। रोहित शर्मा की कप्तानी में रविवार को राजीव गांधी स्टेडियम में दो बार के चैम्पियन मुम्बई ने राइजिंग पुणे सुपरजाएंट टीम को एक रन से हराते हुए 10वें सीजन का खिताब जीता।
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इस जीत के हीरो रहे टीम के ऑलराउंडर क्रुणाल पांड्या, जिन्होंने एक सधी हुई पारी तब खेली जब टीम को इसकी बहुत ज्यादा जरूरत थी, क्रुणाल जब बैटिंग करने आए थे तो मुंबई की टीम मात्र 87 रनों पर 7 विकेट गंवा चुकी थी, लेकिन क्रुणाल ने बेहतरीन खेल का परिचय दिया और टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया, जिसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच की ट्राफी से भी नवाजा गया। क्रुणाल ने मात्र 38 गेंदों में 47 रन बनाए।
टीम के लिए बने संकटमोचक
आपको बता दें कि हार्दिक पांड्या के बड़े भाई क्रुणाल ने आईपीएल 10 के कई मैचों में शानदार खेल दिखाकर अपनी टीम को जीत दिलाई है। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ 14 अप्रैल को खेले गए मैच में 145 रन का पीछा करते हुए मुंबई ने जब सात रन पर चार विकेट गंवा दिए थे, तब भी कुणाल का ही बल्ला चला था और वो टीम के खेवनहार बने थे।
कुणाल पांडया को आईपीएल ने ही पहचान दी
हार्दिक पांडया का नाम तो हर किसी की जुबान पर टी20 विश्वकप के बाद ही आ गया है लेकिन क्रुणाल पांडया को आईपीएल ने ही पहचान दी है । बड़ौदा के रहने वाले ये दोनों भाई आईपीएल में अपने खेल की वजह से आज लोगों के दिलो में स्पेशल जगह बना चुके हैं। लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए दोनों ने काफी संघर्ष किया है।
किरण मोरे की अकेडमी ने बदला जीवन
इन दोनों के जीवन में अहम मोड़ तब आया जब इन दोनों को टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी किरण मोरे की अकेडमी में खेलने का मौका मिला और यहीं से दोनों की जिंदगी बदल गई क्योंकि इसी अकेडमी में खेलते हुए दोनों को आईपीएल खेलने को मिला और आज सूरत क्या है आप जान ही चुके हैं।
किरण मोरे ने दोनों का नाम 'मैगी ब्रदर्स' रखा
दोनों भाईयों की मेहनत और कौशल की तारीफ करते हुए किरण मोरे ने दोनों का नाम 'मैगी ब्रदर्स' रखा है क्योंकि अकेडमी में खेलते वक्त दोनों अक्सर मैगी खाकर अपनी भूख शांत कर लेते थे क्योंकि दोनों के पास इतने पैसे नहीं थे वो पेट भरकर पौष्टिक भोजन खा सके जो कि उनकी फिटनेस और क्रिकेट खेलने के लिए खासा जरूरी थे।