नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) फिरोजशाह कोटला मैदान को दुनिया के बेहतरीन मैदान होने का दावा करता रहे हैं दिल्ली क्रिकेट के आला लोग। पर यहां पर निशक्तों के हितों को देखना वाला कोई नहीं है। शुक्रवार को दिल्ली डेयर डेविल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच हुए मैच के दौरान लोग निशक्त लोग परेशान दिखे।
व्हीलचेयर के साथ
खोजबीन की गई तो मालूम चला कि कोटला के वाशरूम में कोई इंसान व्हीलचेयर के साथ नहीं जा सकता। इधर कायदे वह इंसान तो मैच का मजा ले ही नहीं सकता जिसे किसी रूप में तकलीफ हो।
निशक्तों के अधिकारों के लिए एक्टिव जावेद अबिदी ने कहा कि वे कल कोटला में मैच देखने गए तो उन्हें समझ आया कि यहां की मैनेजमेंट निशक्तों को लेकर कितनी संवेदनहीन है। कहने को कोटला में 60 हजार दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है, पर व्हीलचेयर पर सवार इंसान के लिए इधर आकर मैच देखना बेहद कठिन है।
स्टैंड नहीं बना
खैर, कोटला में अब भी वीरेन्द्र सहवाग के नाम पर स्टैंड नहीं बना है। हालांकि दिल्ली क्रिकेट संघ ने सालों पहले तय किया था कि इधर सहवाग के नाम पर स्टैंड बनेगा। बेशक, सहवाग दिल्ली से संबंध रखने वाले सबसे बड़े प्लेयर रहे हैं क्रिकेट की दुनिया में। उन्होंने कई मैचों में भारत को जीत दिलवाई।
दिल्ली क्रिकेट संघ से जुड़े हुए रवि चतुर्वेदी ने कहा कि कोटला में एक तो निशक्तों के लिए तमाम सुविधाएं होनी चाहिए। उनके प्रति संवेदनशील होना होगा। दूसरी बात ये है कि सहवाग के नाम पर स्टैंड शुरू करने में देरी नहीं होनी चाहिए।
बात दें कि कोटला का कुछ साल पहले पूरी तरह से कायाकल्प हुआ है। अब ये देखने में तो काफी सुंदर लगता है। पर अब भी निशक्तों को लेकर यहां पर सुविधाएं काफी नहीं हैं।