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#HappyBirthdaySachin: 'जिस दिन नहीं दिखूं, तो सोच लेना मेरा विकेट गिर गया'

सचिन जैसे भगवान को सुधीर गौतम जैसा भक्त मिला है, जो सचिन को उसी तरह से पूजता है जिस तरह से भगवान राम को हनुमान पूजा करते थे।

नई दिल्ली। सचिन तेंदुलकर के लिए क्रिकेट केवल एक खेल नहीं है, बल्कि उनकी जीवन भर की तपस्या है, वो क्रिकेट को पूजते हैं, ना ये बात हमें कहने की जरूरत है और ना ही कभी जताने की, ये बात हर भारतीय समझता है।

 जब सचिन ने अपने विदाई स्पीच में लिया उनका नाम...छलक पड़ीं कई आंखें... जब सचिन ने अपने विदाई स्पीच में लिया उनका नाम...छलक पड़ीं कई आंखें...

और शायद इस तपस्या का ही फल है कि सचिन जैसे भगवान को सुधीर गौतम जैसा भक्त मिला है, जो सचिन को उसी तरह से पूजता है जिस तरह से भगवान राम को हनुमान पूजा करते थे। इस पूजा में सिर्फ निश्छल प्रेम और भरोसे का आदान-प्रदान होता है और किसी चीज का नहीं।

'मिस यू सचिन10'

'मिस यू सचिन10'

खुद सचिन ने खुले मंच से अपने मुंह से कितनी बार सुधीर गौतम की दीवानगी बयां की है इसलिए सचिन के जन्मदिन पर सुधीर का जिक्र ना हो, ये तो बेईमानी होगी ना, क्रिकेट को पागलों की तरह प्यार करने वाले सुधीर गौतम के भगवान आज मैदान पर दिखाई नहीं देते हैं लेकिन उनका प्रशंसक बॉडी और चेहरे पर तिरंगा पेंट कराए और हाथों में ऱाष्ट्रीय ध्वज लिए हर उस मैदान पर नजर आता है जहां भारत खेल रहा होता है। पहले उसकी बॉडी पर 'सचिन 10' लिखा होता था और आज 'मिस यू सचिन10' लिखा होता है।

पहली मुलाकात साल 2003 में सचिन से हुई थी

पहली मुलाकात साल 2003 में सचिन से हुई थी

कुछ वक्त पहले एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में गौतम ने अपनी पूरी कहानी बयां की थी। वो अब तक करीब 300 मैच देख चुके हैं। उनकी पहली मुलाकात साल 2003 में सचिन से हुई थी और वो तब से सचिन से लगातार मिलते रहते हैं। बिहार में मुजफ्फरपुर के रहने वाले सुधीर कुमार गौतम ने कहा था कि मैं सचिन के लिए ही क्रिकेट देखता था और आज मैंने क्रिकेट से शादी कर ली है।

 यादगार लम्हा 2 अप्रैल, 2011

यादगार लम्हा 2 अप्रैल, 2011

इसलिए ही जिस दिन मैं तिरंगा पोते मैदान में ना दिखूं उस दिन सोच लेना कि मेरा विकेट गिर गया है। सुधीर की लाइफ का सबसे यादगार लम्हा 2 अप्रैल, 2011 है, जब भारत विश्वविजेता बना था।

इस लम्हें को मैं कभी नहीं भूल सकता...

इस लम्हें को मैं कभी नहीं भूल सकता...

सुधीर ने कहा था वो दिन मुझे हमेशा याद रहेगा, उस दिन भारत ने वर्ल्ड कप जीता था। वर्ल्ड कप जीतने के बाद सचिन सर ने मुझे ड्रेसिंग रूम में बुलाया और मेरे हाथ में वर्ल्ड कप थमा दिया और ताली बजाने लगे। इससे बड़ा लम्हा मेरे लिए क्या हो सकता है। इस लम्हें को मैं कभी नहीं भूल सकता।

सचिन सर ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया

सचिन सर ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया

इसके बाद 16 नवंबर, 2013 भी मुझे सारी ज़िन्दगी हमेशा याद रहेगा, इस तारीख को सचिन सर ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। आपको बता दें कि सचिन के ही कारण सुधीर गौतम को क्रिकेट मैच के सारे पास मिलते हैं।

Birthday Special: 'मैं उस देश का वासी हूं जहां सचिन तेंदुलकर रहता है'

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भारतीय क्रिकेट का ऐसा मुस्कुराता सितारा, जिसके आगे पूरी दुनिया सजदा करती है क्योंकि उसे क्रिकेट का भगवान कहा जाता है...

Story first published: Monday, November 13, 2017, 11:16 [IST]
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