पश्चिम बंगाल के एक छोटे से शहर से आती हैं झूलन
कभी दुनिया की सबसे तेज महिला गेंदबाज रही झूलन, पश्चिम बंगाल के नादिया जिसे में आने वाले एक छोटे से कस्बे चकदाहा से आती हैं। बचपन में झूलन टेनिस गेंद से लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थीं। बड़ी होने के साथ झूलन की क्रिकेट में दिलचस्पी बढ़ी और उन्होंने इसे सीखने के लिए स्टेडियम जाने की सोची। झूलन के शहर में क्रिकेट की कोई सुविधा न होने के कारण उन्हें इसे सीखने के लिए कोलकाता आना पड़ता था।
सुबह 5 बजे पकड़ती थी रोज ट्रेन
झूलन रोज सुबह 5 बजे उठकर चकदाह से सियालदाह के लिए ट्रेन पकड़ती और फिर वहां से बस से सफर कर 7:30 तक क्रिकेट प्रैक्टिस पर पहुंचती थी। फिर 9:30 के बाद उन्हें 2 घंटा सफर कर स्कूल जाना पड़ता था। गोस्वामी उन दिनों को याद करते हुए बताती है रोजाना की इन 4 घंटोम के सफर ने उन्हें मानसिक रुप से मजबूत किया।
इंग्लैंड के खिलाफ खेला पहला मैच
झूलन की प्रतिभा को देखते हुए 19 साल की उम्र में बंगाल महिला क्रिकेट टीम में शामिल कर लिया गया। जल्द ही झूलन को भारतीय महिला टीम में भी शामिल कर लिया गया और इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में खेले गए वनडे मैंच में पर्दापण किया। झूलन ने अपेन करियर में अभी तक दो बार 5 या उससे ज्यादा विकेट लिए हैं।
15 साल में सिर्फ 10 टेस्ट मैच खेले
भारतीय महिला क्रिकेट टीम को ज्यादा टेस्ट मैच खेलने को नहीं मिलता है यही वजह है कि झूलन ने अपने 15 साल के कैरियर सिर्फ 10 टेस्ट मैच ही खेले हैं। इंग्लैंड के खिलाफ 2006 में खेले गए एक टेस्ट मैच में दोनों पारियों में 5 विकेट लिए थे। अगले साल झूलन को आईसीसी वूमन क्रिकेटर ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा गया था। 2010 में झूलन को भारत सरकार ने अर्जुन पुरुस्कार से नवाजा था। झूलन ने 2008 से 2011 तक भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की है। झूलन ने टेस्ट, एकदिवसीय, और टी20 मिलाकर 271 विकेट लिए हैं जो कि एक रिकार्ड है। 2010 में झूलन को भारत सरकार ने अर्जुन पुरुस्कार से नवाजा था।