राइजिंग पुणे सुपरजायंट ने मंगलवार को मुंबई को 20 रनों से हराकर फाइनल का टिकट पक्का कर लिया लेकिन उसकी जीत के हीरो वाशिंगट सुंदर रहे। जिन्होंने न केवल टीम को जीत दिलाने में अहम रोल अदा किया बल्कि अपने नाम भी एक कीर्तिमान बना लिया। दरअसल वाशिंटन सुंदर को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया। आपको बता दें के आईपीएल के इतिहास में सबसे कम उम्र (17 साल 223 दिन) में मैन ऑफ द मैच पाने वाले खिलाड़ी बने हैं वाशिंगटन संदर। वैसे तो इस जीत में धोनी ने भी कमाल की बैटिंग करते हुए 26 गेंदों में नाबाद 40 रन बनाए। लेकिन वाशिंगटन सुदर की कमाल की गेंदबाजी के चलते मुंबई 20 रन से हार गई। वाशिंगटन सुंदर ने अपने 4 ओवर के स्पेल में 16 रन देकर 3 विकेट झटके। आज हम आपको इस सबसे युवा मैन ऑफ द मैच के नाम के पीछे की भावुक कहानी बताने जा रहे हैं।
रिटायर्ड फौजी के नाम पर है नाम, लेकिन...
वाशिंगटन सुंदर 1999 में चेन्नई में पैदा हुए। 11 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। पहली बार चेन्नई में सेकंड डिविजन लीग खेली। सुंदर दाएं हाथ के ऑफ स्पिनर हैं। लोगों का मानना है कि वाशिंगटन सुंदर के नाम के आगे लगे वाशिंगटन का नाता अमेरिका से है, लेकिन ऐसा नहीं है। सुंदर का अमेरिका से कोई नाता नहीं है। इसके पीछे की कहानी खुद वाशिंगटन सुंदर के पिता जी एम. सुंदर ने बताई। एम सुंदर ने एक अखबार से बातचीत करते हुए कहा कि उनका परिवार हिंदू धर्म से ताल्लुक रखता है और उनके बेटे का नाम एक रिटायर्ड फौजी के नाम पर है। उन्होंने अखबार को बताया कि- "मेरे घर से कुछ ही दूरी पर एक रिटायर्ड फौजी रहा करते थे। उन्हें क्रिकेट का बहुत शौक था। यहां तक कि वो हमारा खेल देखने के लिए मरीना ग्राउंड में आया करते थे। उनका नाम पीडी वाशिंगटन था।
"कपड़े. किताबें, फीस सब वही देते थे"
एम सुंदर ने बताया कि उनका परिवार काफी गरीब था। वाशिंगटन सुंदर का बचपन काफी गरीबी में गुजरा। उन्होंनें बताया कि- "रिटायर्ड फौजी पीडी वाशिंटन ने हमारी काफी मदद की। यहां तक कि वे ही वाशिंगटन सुंदर के लिए स्कूल के कपड़े, किताबें लाते थे। उनकी फीस भी वही भरते थे।" एम. सुंदर के मुताबिक जब वाशिंगटन सुंदर का चयन रणजी संभावितों में हुआ था तब पीडी वाशिंगटन बहुत खुश हुए थे।
"भगवान के नाम को न चुनकर वाशिंगटन को चुना"
एम सुंदर ने बताया कि- "जब वाशिंगटन पैदा होने वाला था तब पत्नी को डिलेवरी के टाइम का दिक्कतें हुईं, मगर शिशु बच गया। मैंने रीति-रिवाज के अनुसार बच्चे के कान में भगवान 'श्रीनिवासन' का नाम कहा था लेकिन बाद में मैंने तय किया कि अपने बेटे का नाम वॉशिंगटन ही रखूंगा।" एम सुंदर के मुताबिक वाशिंगटन सुंदर का नाम उस शख्स के नाम पर रखा है जिसने हमारे लिए बहुत कुछ किया।
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