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IPL 2017: फाइनल में चौथी बार आमने सामने 'धोनी की टीम' बनाम 'सचिन की टीम'

इंडियन प्रीमियर लीग समाप्ति की ओर है। लेकिन सबसे बड़ा मुकाबला होना अभी बाकी है। वैसे को हर फाइनल अपने आप में खास होता है लेकिन इसकी कुछ खास वजह है। जानिए क्यों?

आईपीएल का आखिरी मुकाबला बचा है। इस महासंग्राम में वैसे तो हर रोज गेंद-बल्ले की शानदार टक्कर देखने को मिली लेकिन ये आईपीएल के इतिहास में चौथी बार होने जा रहा है जब क्रिकेट के भगवान सचिन की टीम धोनी की टीम से चौथी बार आईपीएल का फाइनल खेलेगी। जी हां, दुनिया के बेस्ट फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी चौथी बार आईपीएल के फाइनल में मुंबई इंडियंस से भिड़ेंगे। गौरतलब है कि सचिन तेंदुलकर मुंबई इंडियंस के मेंटर हैं और धोनी पुणे की तरफ से खेल रहे हैं।

जब पुणे के लिए भगवान बने धोनी

जब पुणे के लिए भगवान बने धोनी

हालांकि पुणे की टीम का ये दूसरा और आखिरी आईपीएल है। पुणे पहली बार आईपीएल के फाइनल में पहुंची है। एक तरह से देखा जाए तो पुणे को फाइनल में पहुंचाने के पीछे माही का सबसे बड़ा योगदान है। दरअसल 16 मई को मुंबई इंडियंस के खिलाफ खेले गए पहले क्वालीफायर मुकाबले में फिसड्डी चल रही पुणे को माही ने 26 गेंदों में 40 रन बनाकर उभारा था और जीत में अहम योगदान दिया। आपको बता दें कि इससे पहले धोनी चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से कप्तानी करते थे। धोनी की कप्तानी में चेन्नई ने दो बार आईपीएल का खिताब जीता।

जब पहली बार धोनी के सामने फाइनल में थे सचिन और बाजी मारी...

जब पहली बार धोनी के सामने फाइनल में थे सचिन और बाजी मारी...

बात 2010 की है। जब सचिन तेंदुलकर मुबई इंडियंस के कप्तान थे और मुंबई पहली बार आईपीएल के फाइनल में पहुंची थी। हालांकि धोनी की टीम चेन्नई सुपरकिंग्स पहले ही आईपीएल (2008) में फाइनल में पहुंची थी लेकिन उसे राजस्थान रॉयल्स के हाथो हार का सामना करना पड़ा। खैर, धोनी-सचिन की टीमें पहली बार 2010 में आईपीएल के फाइनल में आमने-सामने थी। लेकिन बाजी माही की टीम ने मारी। ये मैच चेन्नई ने 22 रनों से जीता था। लेकिन.....इस आईपीएल के हीरो रहे थे सचिन तेंदुलकर। सचिन को आईपीएल 10 का प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया था। इसके बाद 2011 का आईपीएल भी चेन्नई ने ही जीत था। इस तरह से लगातार 2 आईपीएल जीतने वाली पहली टीम है चेन्नई।

जब रोहित शर्मा की कप्तानी में खेले सचिन और सामने थे धोनी

जब रोहित शर्मा की कप्तानी में खेले सचिन और सामने थे धोनी

ये बात 2013 की है। जब मुंबई इंडियंस ने पहली बार आईपीएल का खिताब जीता था। हालांकि इस समय तक मुंबई की कप्तानी रोहित शर्मा के हाथो में आ चुकी थी। लेकिन दूसरी तरफ से धोनी चेन्नई की बागडोर संभाले हुए थे। 2013 का ये फाइनल मुंबई और चेन्नई के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेला गया। लेकिन धोनी की नाबाद 73 गेंदों में 63 रनों की पारी भी चेन्नई को जीत नहीं दिला सकी। मुंबई ने ये मैच 23 रनों से जीता था। हालांकि इस मैच में सचिन तेंदुलकर नहीं खेले थे।

जब सचिन की टीम से बदला लेने में नाकाम रही धोनी की टीम

जब सचिन की टीम से बदला लेने में नाकाम रही धोनी की टीम

आखिरी बार सचिन और धोनी की टीमें आमने सामने थी 2015 में। ये मैच भी कोलकाता के ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेला गया था। हालांकि इस समय तक सचिन मुंबई के मेंटर बन चुके थे। कप्तानी रोहित के हाथों में ही थी। मुंबई ने ये मैच 41 रनों से जीता था। पहले बल्लेबाजी करते हुए मुंबई ने 5 विकेट खोकर 202 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य रखा था। जीत के लिए 203 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई की टीम 20 ओवरों में 8 विकेट खोकर 161 रन ही बना सकी और मुंबई ने दूसरी बार आईपीएल का खिताब अपने नाम कर लिया। अब ये चौथा मैका है जब धोनी और सचिन की टीमें आईपीएल के फाइनल में आमने सामने हैं। हालांकि धोनी की पुरानी टीम चेन्नई सुपरकिंग्स को कोर्ट ने 2 साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। अब धोनी के कंधों पर पुणे को उसका पहला और आखिरी खिताब दिलाने का दारोमदार है। क्योंकि पुणे की टीम का कॉन्ट्रैक्ट इसी साल खत्म हो रहा है।

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Story first published: Monday, November 13, 2017, 11:17 [IST]
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