दिल्ली। क्रिकेटर जयंत यादव, मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में नौंवे नंबर पर बल्लेबाजी कर जब सेंचुरी का जश्न मना रहे थे उसी समय उनके घर एक मातम भी आया। टेस्ट मैच के चौथे दिन जब मैदान पर जयंत बल्लेबाजी कर रहे थे उसी समय उनकी दादी गुजर गईं।
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जयंत यादव के पिता जय सिंह अपने बेटे को रिकॉर्ड बनाते नहीं देख पाए। जिस समय जयंत यादव मैदान पर खेल रहे थे उसी समय उनकी दादी का देहांत हो गया, जिस वजह से उनके पिता को जालंधर के लिए निकलना पड़ा।
दैनिक जागरण से बात करते हुए जय सिंह ने कहा, 'जब जयंत अपनी सेंचुरी मार रहा था तब मैं जालंधर जा रहा था। जयंत की दादी गुजर गईं और मैं उसकी सेंचुरी नहीं देख पाया। मुझे जयंत के सेंचुरी मारने के बारे में फोन से पता चला। मुझे हमेशा उस पल को मिस करने का अफसोस रहेगा।'
एक तरफ अपनी माता के देहांत का गम और दूसरी तरफ बेटे की एक बड़ी उपलब्धि की खुशी। जय सिंह ने बताया कि जब उनको पता चला कि जयंत ने सेंचुरी बनाई है तब वह कंफ्यूज्ड हो गए कि खुश होना चाहिए कि गमगीन।
जय सिंह ने बेटे की उपलब्धि पर कहा, 'मुझे यह अहसास हो रहा था कि जयंत बड़ी इनिंग खेलेगा लेकिन उसी पल दुखी करने वाली खबर आई और मैं जालंधर के लिए चल पड़ा।'
इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के चौथे दिन सेंचुरी ठोककर जयंत यादव ऐसे पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए जिन्होंने नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करके ऐसा कारनामा कर दिखाया। यह जयंत यादव के टेस्ट करियर की मैडेन सेंचुरी थी।
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