पूरी हुई औपचारिकता
यहां गौर करने वाली बात यह है कि क्रिकेट एडवायजरी कमेटी ने सोमवार को अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि उन्हें नए कोच की नियुक्ति के लिए समय चाहिए, विराट कोहली के अमेरिका से लौटने के बाद उनसे बात करने के बाद वह नए कोच का ऐलान करेंगे। लेकिन जिस तरह से आज सीओए चेयरमैन विनोद राय ने कहा कि आज शाम तक नए कोच का ऐलान किया जाए, उसके बाद नए कोच का ऐलान कर दिया गया। लिहाजा जिस तरह से सीएसी ने ने रवि शास्त्री के नाम की घोषणा की है उससे साफ है कि रवि शास्त्री के नाम का चयन पहले ही किया जा चुका था और उनके नाम की घोषणा करने के लिए तमाम औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा था।
सहवाग पहुंचे थे साक्षात्कार देने
यहां गौर करने वाली बात यह है कि टीम के नए कोच के लिए गांगुली और लक्ष्मण ने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में साक्षात्कार किया, जिसमें सचिन तेंदुलकर यूके से वीडियो कॉफ्रेंसिग के जरिए शामिल हए थे। इस इंटरव्यू में कोई भी इंटरव्यू देने के लिए खुद नहीं आया, बल्कि इन लोगों ने स्काइप के जरिए अपना साक्षात्कार दिया, हालांकि वीरेंद्र सहवाग खुद साक्षात्कार देने के लिए यहां पहुंचे थे। यहां आपको याद दिला दें कि जब पिछली बार जब कोच के लिए इंटरव्यू हुआ था तो रवि शास्त्री ने आरोप लगाया था कि स्काइप पर इंटरव्यू के दौरान सौरव गांगुली इसमें शामिल नहीं हुए थे, जिसके जवाब में गांगुली ने कहा था कि रवि शास्त्री को इस इंटरव्यू को गंभीरता से लेना चाहिए था और खुद साक्षात्कार के लिए भारत आना चाहिए था। लेकिन इस बार ऐसी किसी भी शर्त को नहीं रखा गया।
जानबूझकर नहीं बढ़ाया गया था कुंबले का कार्यकाल
जिस तरह से विराट कोहली और अनिल कुंबल के का विवाद सामने आया था, उसने टीम के भीतर विवाद को लोगों के सामने लाकर खड़ा कर दिया था। यह विवाद उस वक्त गहरा गया था जब सीएसी के सदस्य रामचंद्र गुहा ने संगीन आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उस वक्त गुहा ने कहा था कि एक खिलाड़ी के प्रभाव के चलते अनिल कुंबले के कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाया जाए, बावजूद इसके कि बतौर कोच उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है, उनकी अगुवाई में भारत ने पांच टेस्ट सीरीज में जीत हासिल की है।
भारतीय क्रिकेट में स्टार कल्चर
गुहा ने कहा था कि भारतीय टीम के कोच के मुद्दे को गलत तरीके से संभाला गया, बतौर कोच कुंबले के बेहतरीन प्रदर्शन के बाद भी चैंपियंस ट्रॉफी से ठीक पहले उनपर विवाद खड़ा किया गया है। गुहा ने जिस बात का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया था वह सच होता दिख रहा है। उन्होंने कहा था कि भारतीय टीम के भीतर सुपरस्टार संस्कृति है। उन्होंने कहा था कि अपने सुपरस्टार प्रभाव के चलते इन लोगों ने अनिल कुंबले के काम करने के तरीके पर सवाल खड़ा कर दिया है। गुहा का मानना है कि खिलाड़ियों को टीम के चयन प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए, अगर ऐसा होगा तो खिलाड़ी बीसीसीई के अन्य पदों में अपने हस्तक्षेप को बढ़ाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रोफेशनल संस्था को इस तरह से नहीं चलाया जा सकता है।
तो क्या सच कहा था रामचंद्र गुहा ने
गुहा ने कहा था कि जिस तरह से वरिष्ठ खिलाड़ियों को सुपरस्टार की तरह से महत्व दिया जा रहा है वह उन्हें टीम के कोच को चुनने में वीटो पावर देता है, जोकि बिल्कुल गलत है। इस तरह का वीटो पॉवर किसी भी देश के किसी भी प्रोफेशनल टीम के खिलाड़ी को नहीं दिया जाता है। अगर बीसीसीआई को लगता है कि उन्हें इन सुपरस्टार खिलाड़ियों के सामने झुकना चाहिए तो मुमकिन है कि अगला नंबर उनका हो जब खिलाड़ी उन्हें बदलने के लिए अपना हस्तक्षेप करना शुरु कर दें।
आईपीएल के दौरान कमेंट्री पैनल से हर्षा भोगले को हटाए जाने पर भी गुहा ने बड़ा सवाल खड़ा किया था, उन्होंने कहा था कि जिस तरह से भोगले कुछ भारतीय खिलाड़ियों की आलोचना की उसके आधार पर उन्हें कमेंट्री पैनल से हटा दिया गया है, यह सरासर गलत है। गुहा ने कहा था कि भारतीय खिलाड़ियों के पास वीटो पॉवर है वह इस बात का फैसला ले सकते हैं कि कौन कमेंट्री पैनल में हो, यह अंतर्राष्ट्रीय नियमों के खिलाफ है। गुहा ने कहा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो आगे चलकर खिलाड़ी सेलेक्टर, बीसीसीआई के अधिकारियों के चयन में भी हस्तक्षेप करना शुरु कर देंगे।