दुबई| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का शीर्ष प्रशासन अब वित्तीय ढांचे में बदलाव करना चाहती है, जिसका विरोध बीसीसीआई कर रहा है। बीसीसीआई की ओर से ये बात आईसीसी की बैठक में नवनियुक्त विक्रम लीमये ने ये बात सबके सामने रखी।
राजस्व का हिस्सा सबको बराबरी से देने की बात
आपको बता दें कि आईसीसी के मौजूदा वित्तीय मॉडल में आईसीसी को प्राप्त होने वाले कुल राजस्व का सबसे बड़ा हिस्सा बीसीसीआई को मिलता है लेकिन आईसीसी ने अब अपने मॉडल का जो प्रस्ताव सबके सामने रखा है, उसमें राजस्व का हिस्सा सबको बराबरी से देने की बात है।
पारस्परिक स्वतंत्रता होनी चाहिए
यही नहीं प्रस्ताव में संविधान में भी संशोधन और आईसीसी की भूमिका और लक्ष्यों को विस्तार देने वाली बात कही गई है,आईसीसी कह रहा है कि हर सदस्य को विकास करने, पारदर्शिता लाने और सदस्यों के बीच पारस्परिक स्वतंत्रता होनी चाहिए। फिलहाल इस मामले में फैसला 2017 अप्रैल में लिया जाएगा और इससे पहले उसने सभी सदस्यों से सुझाव मांगे हैं।
अलग-थलग पड़ा बीसीसीआई
जिसका विरोध बीसीसीआई ने किया लेकिन वो बाकी सदस्यों का समर्थन नहीं मिलने से अलग-थलग नजर आया। ये बदलाव अप्रैल में होने वाली आईसीसी बोर्ड मीटिंग की मुहर के बाद अमल में आने वाले हैं। सिर्फ श्रीलंका ने 'बिग थ्री' रेवेन्यू मॉडल में बदलाव के प्रस्ताव के विरोध में भारत का साथ दिया। गौरतलब है कि बीसीसीआई ने शनिवार को जिन बदलावों का विरोध किया उनकी सिफारिश 2014 में की गई थी।