नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) में सुधारों को लेकर जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिशों के लागू होने पर बीसीसीआई और सुप्रीम कोर्ट के बीच खींचतान में आज एक नया मोड़ देखने को मिला। अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से लोढ़ा समिति की ओर से सुझाए गए सुझावों को वापस लेने के लिए कहा। मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि लोढ़ा समिति के सुझावों को लागू करने के लिए बड़ी बहस की जरुरत है और इसे बड़ी बैंच को रेफर किया जाए। अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इसको देखते हुए अभी लोढ़ा समिति के सुझाव कोर्ट वापस ले ले और मामले को बड़ी बैंच को रेफर करें।
दो जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख दिखाते हुए बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और बीसीसीआई सचिव अजय शिर्के को पद से हटा दिया था। इससे पहले कई बार सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर और बीसीसीआई के प्रशासकों को कई दफा कड़ी फटकार भी लगाई थी। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट के बीसीसीआई के संचालन के लिए प्रशासकों की नियुक्ति करनी थी, इसी दौरान अटॉर्नी जनरल ने सिफारिशों को वापस लेने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले में अमिक्स क्यूरी बनाए गए गोपाल सुब्रमण्यम ने सीलबंद लिफाफे में प्रशासकों के नौ नाम कोर्ट को सौंपे हैं। नए प्रशासकों के नाम का ऐलान सुप्रीम कोर्ट 24 जनवरी को करेगा।
क्रिकेट और बीसीसीआई में सुधारों के लिए बनी लोढ़ा समिति ने बीते साल जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में अपनी सिफारिशें दी थी। जिसमें बीसीसीआई और राज्य के क्रिकेट संघों पर बैठे प्रशासकों के लिए कड़े नियमों की बात कही गई है। इसको लेकर बीसीसीआई और सुप्रीम कोर्ट में ठनी हुई है। आपको बता दें कि बीसीसीआई के अध्यक्ष पद को लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं। पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का नाम भी कुछ समय के लिए सामने आया था।
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