नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बीसीसीआई में सुधार को लेकर बनाई गई जस्टिस लोढ़ा कमेटी के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को छोड़ने का फैसला किया है।
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शनिवार (1 अक्टूबर) को हो मुंबई में हुई बैठक में लोढ़ा कमेटी की जहां नौ सिफारिशों को मंजूर किया गया वहीं कई सिफारिशों को नजरअंदाज भी किया गया।
बीसीसीआई ने बैठक में 70 वर्ष से ज्यादा उम्र के पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने, 9 साल या तीन कार्यकाल, लेकिन यह एक साथ न हो, एक व्यक्ति, एक पद, एक राज्य, एक वोट चयन समिति में तीन सदस्य सरीखी कई सिफारिशों को मानने से इनकार कर दिया।
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जिन सिफारिशों को बोर्ड ने आम सहमति प्रदान की है उसमें अपेक्स काउंसिल बनाने की सिफारिश शामिल है।
7 घंटे चली बोर्ड की मीटिंग के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने कहा कि हमने लोढ़ा कमेटी उन सिफारिशों को मंजूर नहीं किया है जिनको मानने में व्यवहारिक दिक्कतें हैं अथवा जिन सिफारिशों को कानूनन चुनौती दी जा सकती है।
ठाकुर ने कहा कि बीसीसीआई की संरचना ऐसी है कि सदस्य बोर्ड का गठन करते हैं। हम इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय को रिपोर्ट भेजेंगे।
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वहीं बीसीसीआई ने लोढ़ा समिति की जिन सिफारिशों को माना है उनमें अपेक्स काउंसिल, कैग के प्रतिनिधि को अपेक्स और आईपीएल गवर्निंग काउंसिल का सदस्य बनाने, खिलाड़ियों का संगठन बनाने, एजेंट के रजिस्ट्रेशन से जुड़े नियम और आईसीसी के नियमानुसार एसोसिएट सदस्यों को भी मताधिकार शामिल है।
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बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि वो खुद सीधे हो जाएं, वरना कोर्ट को आदेश के ज़रिये उन्हें सीधा करना पड़ेगा।