नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराम ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को लेकर उन्होंने आईसीसी के सीईओ डेविड रिचर्डसन को कोई पत्र नहीं लिखा था। बीसीसीआई ने लोढ़ा कमेटी के सुधारों को लागू करने के लिए और समय की मांग की है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
आपको बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई को बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर को आदेश दिया था कि वो एक व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करते हुए बताएं कि लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को लागू करने और सरकारी हस्ताक्षेप को लेकर उनकी आईसीसी से क्या बातचीत हुई थी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि कैग का एक सदस्य काउंसिल में रखने को लेकर उनकी क्या राय है।
अनुराग ठाकुर ने अपने हलफनामे में बताया है कि शशांक मनोहर ने कैग के किसी सदस्य को काउंसिल में नॉमिनी बनाए जाने का विरोध किया था। बीसीसीआई ने लोढ़ा कमेटी के सुधारों को लागू करने के लिए और समय की मांग की है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है।
यह बात अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में आज दाखिल किए हलफनामे में कही है। उन्होंने हलफनामे में यह भी इस बात का जिक्र किया है कि 6 और 7 अगस्त को उन्होंने आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर से बातचीत की थी।
उन्होंने बताया कि आईसीसी चेयरमैन से मैंने यह निवेदन किया था कि आईसीसी एक पत्र जारी करके यह स्थिति साफ कर सकता है कि जब वो बीसीसीआई के अध्यक्ष थे तो उन्होंने क्या निर्णय लिए थे। इस पर शशांक मनोहर ने जबाव देते हुए बताया था कि जब लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर निर्णय लिया गया तो मामला पहले से ही कोर्ट में चल रहा था।