नई दिल्ली। श्रीलंका दौरे पर बतौर ओपनर गए अभिनव मुकुंद ने नस्लवाद को लेकर जमकर अपना गुस्सा जाहिर किया है। मुकुद ने कहा कि सिर्फ गोरे दिखने वाले ही प्यारे या खूबसूरत नहीं होते। स्पोर्ट्स जगत में हमेशा से नस्लवाद हावी रहा, जिसने कई खिलाड़ियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित भी किया।
मुकुंद ने बुधवार रात को एक मैसेज सोशल मीडिया पर शेयर किया इसके बाद उन्होंने 5 ट्वीट और किए जिसमें उन्होंने लिखा कि मैंने जो भी कहा है वह सिर्फ मेरे रंग पर टिप्पणी करने वाले लोगों पर है। हालांकि मुकुंद ने ये भी स्पष्ट किया कि इसे किसी राजनीति या भारतीय टीम से न जोड़ें।
श्रीलंका के खिलाफ पहले टेस्ट में बतौर ओपनिंग बल्लेबाजी करने वाले अभिनव मुकुंद ने इस पोस्ट में लिखा, "मैं 10 साल की उम्र से क्रिकेट खेल रहा हूं और मैं धीरे-धीरे यहां तक पहुंचा हूं। अपने देश को रिप्रजेंट करना गर्व की बात है। पर मैं यह पोस्ट आपका ध्यान खींचने के लिए नहीं लिख रहा हूं। बल्कि इस उम्मीद से लिख रहा हूं कि उस मुद्दे पर लोगों की सोच बदल पाऊं जिसके बारे में मैं सबसे ज्यादा सोचता हूं।"
मुकुमद ने आगे लिखा- 'मैं 15 साल की उम्र से देश के बाहर और देश में बहुत घूमा हूं। मैंने पाया कि लोगों ने मेरे रंग पर काफी तंज कसे हैं। मेरी स्किन को लेकर लोगों का बेइज्जती करना मेरे लिए हमेशा से राज रहा है। जो कोई क्रिकेट को फॉलो करता है वह इसे समझेगा। मैंने धूप में काफी क्रिकेट खेली है। मगर मुझे एक बार भी इस बात पर कभी पछतावा नहीं हुआ कि मैं काला पड़ रहा हूं। वह इसलिए क्योंकि जो मैं करता हूं, वो मुझे पसंद है। और मैंने कुछ चीजों को सिर्फ इसलिए हासिल किया क्योंकि उसे पाने के लिए मैंने कई घंटे घर से बाहर कड़ी धूप में बिताए। मैं चेन्नई से आता हूं जो शायद हमारे देश की सबसे गर्म जगह है और मैंने खुशी- खुशी अपनी ज्यादातर युवा उम्र क्रिकेट मैदान पर गुजारी है।'
— Abhinav mukund (@mukundabhinav) August 9, 2017
मुकुंद ने लिखा- 'जो लोग सोशल मीडिया पर मुझ जैसे लोग पर अभद्र टिप्पणी करते हैं उन्हें अपनी सोच बदलनी होगी। सोशल मीडिया पर यह ज्यादा हो रहा है।' मुकुंद ने ये भी लिखा कि गोरे लोग ही सिर्फ हैंडसम नहीं होते।