फिल्म के कबीर खान
जी हां, पर्दे पर कोच का रोल निभाकर हर दिल अजीज बने एक्टर शाहरूख खान ने फिल्म में जो कबीर खान का किरदार प्ले किया था, वो असल में इंडियन हॉकी कोच मीर रंजन नेगी का रीयल चरित्र था।
भ्रष्टाचार के संगीन आरोप
लेकिन फिल्म का वो रीयल करेक्टर इन दिनों परेशानी में हैं क्योंकि उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। मीडिया सूत्रों के मुताबिक नेगी और उनके एक साथी पर भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लगे हैं जिसके चलते उन दोनों की नौकरी खतरे में हैं।
असिस्टेंट कमिश्नर
आपको बता दें कि नेगी इस वक्त कस्टम विभाग में बतौर असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात हैं। सहर स्थित एयर कार्गो कॉम्प्लेक्स में भ्रष्टाचार मामले में उन पर भी आरोप लग रहे हैं।
कार्गो कॉम्प्लेक्स में भ्रष्टाचार
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक चीफ कमिश्नर ऑफ कस्टम देवेंद्र सिंह ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज ऐंड कस्टम्स (CBEC) को नेगी और असिस्टेंट कमिश्नर वी एम गानू को निलंबित करने के लिए पत्र लिखा है। इससे पहले देवेंद्र सिंह ने 17 अन्य अधिकारियों को निलंबित किया था। सभी अधिकारियों पर कार्गो कॉम्प्लेक्स में भ्रष्टाचार का दोषी माना गया है।
सच सामने जरूर आएगा
हालांकि नेगी ने कहा है कि ये उन्हें फंसाने और बदनाम करने की साजिश है, विजिलेंस की जांच अभी चल रही है इसलिए मैं इस पूरे मामले पर कुछ नहीं कह सकता। मुझे अपने आप और ऊपर वाले पर पूरा भरोसा है कि सच सामने जरूर आएगा।
प्रेरणाश्रोत है नेगी की कहानी
सन 1982 में एशिया कप के फाइनल में भारतीय टीम पाकिस्तान के हाथों पराजित हुई। इस भारतीय हाकी टीम के गोलकीपर मीर रंजन नेगी थे, उन पर पाकिस्तान को जिताने के लिये देश से गद्दारी करने के बेबुनियाद आरोप लगाये गये। इन शर्मनाक आरोपों ने नेगी जी को खेल की दुनिया से लगभग बाहर ही कर दिया था लेकिन मीर रंजन नेगी ने हाकी के प्रति अपने जुनून को कम नहीं होने दिया और भारतीय महिला हाकी टीम के कोच के रूप में सफलतापूर्वक अपनी पहचान को न सिर्फ पुन:स्थापित किया बल्कि भारत में महिला हाकी को एक नये मुकाम पर पहुंचा दिया।
हॉकी का स्वर्ण
मीर रंजन के भारतीय महिला हॉकी टीम के गोलकीपिंग कोच नियुक्त होने के बाद 1998 एशियन गेम्स व 2002 में कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला हाकी टीम स्वर्ण पदक जीतने में सफल हुई। हाकी टीम के सहायक कोच के रूप में उनकी टीम 2004 में एशियन हॉकी का स्वर्ण जीती थी।
'चक दे इंडिया'
मीर रंजन की प्रेरणाश्रोत लाइफ को ही आदित्य चोपड़ा ने 'चक दे इंडिया' के रूप में पेश किया, जिसने सफलता की नई इबादत लिखी और लोगों के दिलों में हॉकी और नेगी को फिर से जिंदा कर दिया।