दिल्ली। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट यानि खेल पंचाट (कैस) ने नरसिंह यादव पर चार साल का बैन लगाते हुए अपने फैसले में जो कुछ कहा है उससे न सिर्फ पहलवान नरसिंह यादव के दावे की धज्जियां उड़ी हैं बल्कि उसे डोपिंग के आरोपों से क्लीन चीट देने वाली भारत की एजेंसी नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा हुआ है।
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नाडा ने रियो ओलंपिक गेम्स के लिए नरसिंह यादव को डोपिंग के आरोप से मुक्त करते हुए क्लीन चिट दे दी थी। नाडा ने नरसिंह के उस दावे को स्वीकार कर लिया था कि उसके ड्रिंक के साथ छेड़छाड़ की गई।
सोमवार को सार्वजनिक किए गए कैस के फैसले की रिपोर्ट में नरसिंह यादव पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा गया है कि उन्होंने सोच समझकर प्रतिबंधित दवाओं का सेवन किया था न कि उनके ड्रिंक के साथ कोई छेड़छाड़ हुई थी जैसा कि नरसिंह ने दावा किया था।
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कैस की इस टिप्पणी ने नाडा को भी कटघरे में ला खड़ा किया है क्योंकि उसने खाने के साथ छेड़छाड़ के नरसिंह के दावे पर मुहर लगा दी थी।
कैस के तीन सदस्यों के पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'नरसिंह यादव ने सोच समझकर टैब्लेट के रूप में प्रतिबंधित दवाओं का सेवन किया।'
कैस ने रिपोर्ट में कहा है कि नाडा के पैनल के सामने नरसिंह यादव ने जो दावा किया था उसकी सच्चाई की पुष्टि नहीं हो पाई क्योंकि डोपिंग टेस्ट से पता चलता है कि मिथेनडाइनोन के एक या दो टैब्लेट के सेवन से उनके अंदर प्रतिबंधित दवा पाई गई न कि पानी में किसी पाउडर मिलाकर पीने से ऐसा हुआ। नरसिंह यादव ने नाडा पैनल से कहा था कि उनके ड्रिंक के साथ छेड़छाड़ हुई जिसमें पानी में कोई पाउडर मिलाकर उसे पीने को दिया गया जिसके बाद प्रतिबंधित दवाएं उनके अंदर पहुंची।
कैस ने नरसिंह के छेड़छाड़ की थ्योरी को खारिज करते हुए कहा, 'छेड़छाड़ की संभावना हो सकती है लेकिन इस मामले में ऐसा लगता नहीं और इस दावे की पुष्टि के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं है।' कैस की रिपोर्ट में जो बात कही गई है, वह नाडा के फैसले के बिल्कुल उलट है।
1 अगस्त को नाडा के डायरेक्टर जनरल नवीन अग्रवाल ने फैसले में कहा था कि तीन सदस्यों के पैनल ने नरसिंह यादव को उसके पाक साफ अतीत के आधार पर डोपिंग के आरोपों से मुक्त किया है। पैनल ने कहा है कि पहलवान नरसिंह ने अपने खाने पीने में ऐसी कोई प्रतिबंधित चीज का सेवन नहीं किया।
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नाडा ने नरसिंह यादव के इस बात को स्वीकार कर लिया कि उसके ड्रिंक के साथ छेड़छाड़ की गई थी और उसमें किसी ने पाउडर मिला दिया था।
ओलंपिक से पहले 25 जून को नरसिंह यादव पर डोपिंग टेस्ट किया गया था जिसमें उनके मूत्र में प्रतिबंधित दवा मिथेनडाइनोन के अंश पाए गए थे। 5 जुलाई को किए गए एक और टेस्ट में उनके मूत्र में मिथेनडाइनोन मिला।