कोच्चि। बीते साल दिसंबर में रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म 'दंगल' को देशभर में खूब पंसद किया जा रहा है। फिल्म में हरियाणा के पहलवान महावीर फोगाट और उनकी पहलवान बेटियों गीता और बबीता फोगाट की कहानी है। इस फिल्म का असर हरियाणा, यूपी के साथ-साथ केरल में भी दिख रहा है। केरल में लड़कियों का गट्टा गुश्ता खेल की तरफ रुझान 'दंगल' के रिलीज होने के बाद बढ़ गया है।
गट्टा गुश्ती केरल का एक पारंपरिक खेल है, जो कुश्तकी की तरह ही होती है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, फिल्म 'दंगल' में गीता और बबिता फोगाट की कड़ी मेहनत और फिर उसके बाद देश-विदेश में कामयाबी के झंडे गाड़ने की कहानी ने केरल की लड़कियों का दिल जीत लिया है। फिल्म से प्रभावित होकर केरल के मेट्टनचेरी में स्थित श्री गुजराती विद्यालय हायर सैकेंडरी स्कूल में अब तक 29 लड़कियों ने गट्टा गुश्ती सीखने के लिए दाखिला लिया है। इन लड़कियों की ख्वाहिश गीता और बबीता की तरह कुछ कर दिखाने की है। गीता और बबीता को भले ही उनके पिता ने बचपन में जोरदार ट्रेनिंग दी लेकिन गट्टा गुश्ती के लिए आई लड़कियां परिजनों के कहने पर नहीं बल्कि अपनी मर्जी से यहां आई हैं।
गट्टा गुश्ती सिखाने वाले टी ए फारिश कहते हैं कि गट्टा गुश्ती सीखना बहुत आसान कम नहीं है। बहुत से बच्चे इसको सीखने के लिए आते हैं लेकिन कोई कुछ दिन में तो कोई कुछ हफ्तों में ट्रेनिंग छोड़ देता है। इसके साथ ही इसकी ट्रेनिंग भी काफी मुश्किल है। गट्टा गुश्ती सीखने आई फरजाना 8वीं क्लास में पढ़ती हैं। वो कहती हैं कि वो इस ट्रेनिंग से वो खुद की रक्षा करना भी जान जाएगी। फारिश बताते हैं कि गट्टा गुश्ती के लिए 100 से ज्यादा दांव सीखने होते हैं, दूसरा इसकी ट्रेनिंग के लिए जो मैट और दूसरी चीजें चाहिएं वो भी बहुत मंहगी होती हैं ऐसे में इसकी ट्रेनिंग आसान काम नहीं हैं। वो कहते हैं कि 70 के दशक में गट्टा गुश्ती केरल में बेहद लोकप्रिय था लेकिन वक्त के साथ लोगों ने गट्टा गुश्ती से दूरी बना ली।
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