नोटबंदी पर विरोधी दलों के भारत बंद का हिमाचल प्रदेश पर कोई असर नहीं
भारत बंद के दौरान हिमाचल में बाजार और ऑफिस खुले हैं। विरोधी दलों के इस आयोजन का कोई असर नहीं दिखा।
शिमला। देश भर में नोटों नोटबंदी के खिलाफ विपक्षी दलों के भारत बंद के आह्वान के बावजूद हिमाचल प्रदेश में सोमवार को बंद का कोई असर नहीं दिख रहा है। प्रदेश के तकरीबन सभी शहरों में कामकाज सामान्य है। सभी बाजार अपने तय समयानुसार खुले हुए हैं। सभी जिला मुख्यालयों में कांग्रेस नेताओं ने ज्ञापन सौंपे।
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व्यापारियों ने किया भारत बंद का विरोध
प्रदेश कांग्रेस के आह्वान के बावजूद सुबह शिमला बाजार खुला। यहां व्यापारी पहले ही भारत बंद का विरोध कर चुके हैं। यहां सुबह नौ बजे से ही दुकानें खुलनी शुरू हो गई थीं। वहीं, यातायात भी सुचारू चल रहा है। सरकारी और निजी संस्थानों में भी सामान्य दिनों की तरह कामकाज चल रहा है। राजधानी शिमला में माकपा व आम आदमी पार्टी ने नोटबंदी के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया।
धर्मशाला में कांग्रेस का प्रदर्शन
धर्मशाला में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने नोटबंदी के खिलाफ एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में मांग की गई है कि मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले से आम जनता को हो रही असुविधाओं को ध्यान में रखते हुए सार्थक कदम उठाये जाएं ताकि परेशान जनता को राहत मिल सके।
ब्लॉक कांग्रेस कमेटी धर्मशाला के अध्यक्ष राकेश धीमान का कहना है कि कांग्रेस पार्टी नोटबंदी का समर्थन करती है लेकिन पूरी तैयारी किए बिना यह नोटबंदी लागू की गई है। सरकार को नोटबंदी करने से पहले पर्याप्त मात्रा में नई करेंसी बैंकों में उपलब्ध करवानी चाहिए थी।
राष्ट्रपति से मांग की गयी है कि लोगों को राहत पहुंचाने के लिए उचित कदम उठाने के बारे में सरकार को निर्देश दिए जाएं। उधर धर्मशाला व कांगड़ा में सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान व बाजार खुले हुए हैं तथा आवाजाही पर कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। लोग खरीदारी के लिए बाजार आ रहे हैं और परिवहन व्यवस्था भी सुचारू रूप से चल रही है।
नोटबंदी के खिलाफ कांग्रेस राजभवन पहुंची
एक ओर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह नोटबंदी के मोदी सरकार के फैसले को सराह रहे हैं, तो दूसरी तरफ राजभवन जाकर अपना विरोध भी जता रहे हैं। इसी विरोधाभास के बीच सोमवार को नोटबंदी से आम जनता को हो रही परेशानी से राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को अवगत करवाने के लिए सीएम वीरभद्र सिंह व पार्टी चीफ सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अगवाई में कांग्रेस टीम राजभवन पहुंची। राज्यपाल आचार्य देवव्रत को ज्ञापन सौंपकर उन्हें इस फैसले के कारण झेलनी पड़ रही दिक्कतों से अवगत करवाया।
'जल्दबाजी में लिया नोटबंदी का फैसला'
कांग्रेस ने राज्यपाल से कहा कि नोटबंदी के फैसले से राज्य के ग्रामीण इलाकों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांव में एटीएम की सुविधा नहीं है और बैंकों में पैसा नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार को बैंकों में नए नोटों का तुरंत प्रबंध करना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में लिया है और इसलिए कांग्रेस आज के दिन को आक्रोश दिवस के रूप में मना रही है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने राज्यपाल से उम्मीद जताई कि वे इस ज्ञापन को अपने नोट के साथ राष्ट्रपति को भेजेंगे। राज्यपाल ने भी तुरंत ही कहा कि वे इसे जल्द ही राष्ट्रपति को भेंजेगे। इससे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्यपाल को नोटबंदी के कारण हो रही परेशानी से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि राज्य में दूरदराज के लोगों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने हेलिकॉप्टर के माध्यम से नोट पहुंचाए हैं, लेकिन केंद्र सरकार बैंकों में नोट पहुंचाने में असफल रही है।
ज्ञापन में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार नोटबंदी से उपजी स्थिति से निपटने में असफल रही है और अब हर दिन अपने फैसले बदल रही है। इससे आम जनता को और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी ने कहा कि हर दिन फैसले बदलने से लोगों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है और इसकी तरफ केंद्र का कोई ध्यान नहीं है।
पार्टी ने कहा कि पीएम मोदी कह रहे हैं कि यह काले धन को रोक लगाने के लिए फैसला लिया गया है, लेकिन हो यह रहा है कि इससे आम जनता पिस रही है। आज 20 दिन बीत जाने के बाद भी बैंकों के बाहर लगी लंबी लाइन थमने का नाम नहीं ले रही और लोगों को घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है। ज्ञापन में कांग्रेस ने मांग की है कि पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को जनता को हो रही परेशानी के लिए उनसे माफी मांगनी चाहिए।
राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने वालों में सिंचाई मंत्री विद्या स्टोक्स, स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह, परिवहन मंत्री जीएस बाली, उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री, वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल, प्रदेश कांग्रेस महासचिव हरभजन सिंह भज्जी, मीडिया विभाग के अध्यक्ष नरेश चौहान, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संजय सिंह चौहान, 20 सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन कार्यक्रम के अध्यक्ष ठाकुर राम लाल, वन निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया, प्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य सिंह, जिला कांग्रेस अध्यक्ष केहर सिंह खाची, महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशीला नेगी और सेवा दल के मुख्य संगठक अनुराग शर्मा भी मौजूद थे।
राज्यपाल के ज्ञापन सौंपने के वक्त जीएस बाली ने राज्यपाल से कहा कि नोटबंदी के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। उन्हें हर दिन सौ-सौ फोन आ रहे हैं और बसों में खुले पैसे न होने की शिकायत कर रहे हैं। उनका कहना था कि केंद्र सरकार की ओर से लोगों की परेशानी दूर करने के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। इस पर राज्यपाल ने चुटकी ली कि थोड़े दिन फ्री में ही बसें चला दें।
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