पेंशनरों के हित के लिए प्रयासरत रही सरकार, पूरी होंगी मांगे
हिमाचल प्रदेश स्थित शिमला में पेशनरों और विभिन्न संघों की मुख्य सचिव के साथ बैठक हुई।
शिमला। हिमाचल प्रदेश पेंशनर संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक आज यहां मुख्य सचिव वी.सी. फारका की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें पेंशनरों तथा विभिन्न संघों के 80 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश सरकार पेंशनरों के कल्याण के लिए हमेशा ही प्रयासरत रही है तथा पेंशनरों की न्यायोचित मांगों को समय-समय पर पूरा किया गया है और उनके देय लाभ समय-समय पर प्रदान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पेंशनरों तथा उनके पारिवारिक सदस्यों के चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों की अदायगी के लिए पहले ही 59 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।
जब शिमला में सड़क पर उतर आए लोग, बरसाने लगे पत्थर
की यह घोषणा
मुख्य सचिव ने चिकित्सा प्रतिपूर्ति बिलों की अदायगी के लिए अतिरिक्त पांच करोड़ रुपये की राशि जारी करने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि ऐसे पारिवारिक पेंशनर जिन्होंने अभी तक 65 वर्ष, 70 वर्ष और 75 वर्ष की आयु पूरी होने संबंधी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है उन्हें आयु प्रमाण प्रस्तुत करने के उपरांत ही देय तिथि से पेंशन जारी की जाएगी।
फारका ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 3.50 लाख रुपये से बढ़ाकर दस लाख रुपये किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा न्यूनतम पेंशन/पारिवारिक पैंशन को भी 1,310 रुपये से बढ़ाकर 3500 रुपये किया गया है।
भाजपा षडयंत्र रचती है, मैं धमकियों से डरनेवाला नहीं: सीएम वीरभद्र
880 करोड़ किए गए थे व्यय
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों के लिए वित्त वर्ष 2007-08 में 880 करोड़ रुपये व्यय किए गए थे, जबकि वर्ष 2015-16 के दौरान 4040 करोड़ रुपये व्यय करने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्थाई चिकित्सा भत्ते की दर को 250 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये किया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डा. श्रीकांत बाल्दी ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न पेंशनर संघों के पदाधिकारी व सदस्य बैठक में उपस्थित थे।
अभिनेत्री प्रीति जिंटा के मौसेरे भाई ने की आत्महत्या, मिला 4 पन्नों का सुसाइड नोट