राज्यपाल आचार्य देव व्रत ने राज्य के 150 मेधावी विद्यार्थियों को प्रदान की छात्रवृत्तियां
राज्यपाल आचार्य देव व्रत युवाओं से गर्व के साथ कार्य करने तथा भावनाओं के बजाय दिमाग से निर्णय लेने को कहा। उन्होंने कहा कि अभिभावक और शिक्षक उनके सच्चे हितैषी हैं।
शिमला। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने आज यहां राजभवन में सतलुज जल विद्युत निगम फाउंडेशन तथा हिमकॉन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक पुरस्कार वितरण समारोह में हिमाचल प्रदेश के 150 मेधावी विद्यार्थियों को 'एसजेवीएन रजत जयन्ती मेधावी छात्रवृत्ति पुरस्कार' प्रदान किए। उन्होंने छात्रवृत्तियों के लिए चयनित विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र तथा प्रत्येक को 24 हजार रुपये के चेक प्रदान किए। यह राशि इन विद्यार्थियों को डिग्री अथवा डिप्लोमा कोर्स पूरा करने तक प्रत्येक वर्ष प्रदान की जाएगी।इस अवसर पर अपने सम्बोधन में आचार्य देवव्रत ने प्रदेश के परियोजना क्षेत्रों में 'पं. दीनदयाल उपाध्याय वाटर कंजरवेशन स्कीम' शुरू करने के लिए एसजेवीएन की पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस अभियान की शुरूआत पानी के संरक्षण के लिए की है।
उन्होंने
कहा
कि
इस
तरह
के
कदमों
से
विशेषकर
शहरी
क्षेत्रों
में
पानी
की
आपूर्ति
में
सहायता
मिलती
है
तथा
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
पानी
के
स्त्रोतों
को
पुनर्जीवित
किया
जा
सकता
है।
उन्होंने
कहा
कि
युवा
देश
की
आबादी
का
65
प्रतिशत
हिस्सा
हैं
और
इनमें
अपार
सामथ्र्य
व
प्रतिभा
है।
वास्तव
में
युवा
ही
देश
का
असली
धन
है,
क्योंकि
उनसे
भविष्य
की
संरचना
होती
है।
उन्होंने
कहा
कि
यह
अति
आवश्यक
है
कि
युवा
ऊर्जा
को
संरचनात्मक
उद्देश्यों
के
लिए
संचालित
किया
जाए,
अपितु
सही
ढंग
से
प्रयोग
न
करने
की
स्थिति
में
यह
ऊर्जा
विनाशात्मक
गतिविधियों
की
तरफ
भटक
सकती
है,
जो
समाज
के
लिए
हानिकारक
साबित
होती
है।
उन्होंने
कहा
कि
युवाओं
को
मुख्यधारा
में
शामिल
किया
जाना
चाहिए
तथा
उन्हें
राष्ट्र
निर्माण
की
गतिविधियों
में
भाग
लेने
के
लिए
प्रोत्साहित
करना
चाहिए।
युवाओं
को
समाज
में
जागरूकता
उत्पन्न
करने
के
लिए
सामाजिक
अभियानों
से
भी
जुडऩा
चाहिए।
उन्होंने
युवाओं
से
गर्व
के
साथ
कार्य
करने
तथा
भावनाओं
के
बजाय
दिमाग
से
निर्णय
लेने
को
कहा।
उन्होंने
कहा
कि
अभिभावक
और
शिक्षक
उनके
सच्चे
हितैषी
हैं।
अच्छा
शिक्षक
अपने
विद्यार्थियों
के
भविष्य
को
उज्ज्वल
तथा
सुरक्षित
बनाने
के
लिए
अपने
जीवन
को
न्यौच्छावर
कर
देता
है।
उन्होंने
कहा
कि
भावी
पीढिय़ों
में
उच्च
मूल्यों
का
संचार
करना
प्रत्येक
शिक्षक
का
दायित्व
है।राज्यपाल
ने
कहा
कि
युवाओं
में
देशभक्ति
की
भावना
को
विकसित
करना
अनिवार्य
है
ताकि
युवा
पीढ़ी
में
राष्ट्र
के
प्रति
प्रेम
तथा
देश
की
गरिमामयी
सांस्कृतिक
विरासत,
जिसके
लिए
देश
विश्वभर
में
जाना
जाता
है,
की
भावना
विकसित
हो
सकें।
उन्होंने
कहा
कि
इस
भावना
के
बिना
कोई
भी
देश
तरक्की
नहीं
कर
सकता।
उन्होंने
युवाओं
से
हमारे
समृद्ध
सांस्कृतिक
मूल्यों
तथा
परम्पराओं
की
जानकारी
हासिल
करने
का
आग्रह
किया
ताकि
वे
देश
का
गौरव
बन
सकें।आचार्य
देवव्रत
ने
युवा
पीढ़ी
से
जीवन
में
उन्नति
हासिल
करने
के
लिए
नशों
से
दूर
रहने
का
आह्वान
किया।
उन्होंने
विद्यार्थियों
को
जीवन
में
आगे
बढऩे
तथा
राज्य
व
देश
का
गौरव
बढ़ाने
के
लिए
राष्ट्रीय
तथा
अन्तरराष्ट्रीय
स्तर
पर
सक्षम
बनने
के
लिए
प्रतिस्र्पधा
की
भावना
विकसित
करने
का
आह्वान
किया।राज्यपाल
ने
राज्य
में
कारपोरेट
सामाजिक
जिम्मेवारी
के
माध्यम
से
समाज
के
उत्थान
में
एसजेवीएन
के
योगदान
की
सराहना
की।कारपोरेट
सामाजिक
दायित्व
निदेशक
मण्डल
समिति
के
अध्यक्ष
श्री
गणेश
दत्त
ने
कहा
कि
एसजेवीएन
ने
समय-समय
पर
शिक्षा
तथा
स्वास्थ्य
क्षेत्रों
में
विभिन्न
पहलों
के
क्रियान्वयन
में
अपने
सामाजिक
दायित्व
का
निर्वहन
करने
के
प्रयास
किए
हैं।
उन्होंने
एसजेवीएन
फाउंडेशन
की
गतिविधियों
तथा
जल
विद्युत
क्षेत्र
में
इसके
योगदान
की
जानकारी
भी
दी।
उन्होंने
कहा
कि
राज्यपाल
के
निर्देर्शो
के
अनुरूप
एसजेवीएन
ने
नशाखोरी
के
विरूद्ध
अभियान
चलाया
है
और
गौ
संरक्षण
तथा
जैविक
कृषि
को
भी
एजेंडा
में
शामिल
किया
गया
है।
उन्होंने
पुरस्कार
प्राप्त
करने
वाले
विद्यार्थियों
को
बधाई
दी
तथा
जीवन
में
सफलता
प्राप्त
करने
के
लिए
कड़ी
मेहनत
करने
का
आग्रह
किया।इससे
पूर्व,
निदेशक
कार्मिक
श्री
नंद
लाल
शर्मा
ने
इस
अवसर
पर
राज्यपाल
का
स्वागत
किया
और
उन्हें
सम्मानित
किया।
उन्होंने
छात्रवृत्ति
योजना
के
विभिन्न
पहलुओं
पर
प्रकाश
डालते
हुए
कहा
कि
योजना
वर्ष
2012-13
में
140
विद्यार्थियों
को
छात्रवृत्ति
प्रदान
करने
के
साथ
आरम्भ
की
गई
थी।
इस
वर्ष
योजना
में
हिमाचल
प्रदेश
से
150
विद्यार्थियों
सहित
कुल
250
विद्यार्थियों
को
शामिल
किया
गया
है।
उन्होंने
कहा
कि
योजना
में
एचपीबीएसई,
सीबीएसई
तथा
आईसीएसई
बोर्डों
के
बच्चों
को
चयनित
किया
गया
है
और
इस
वर्ष
योजना
में
गरीबी
की
रेखा
से
नीचे
तथा
विकलांग
बच्चों
को
भी
शामिल
किया
गया
है।
उन्होंने
कहा
कि
जल
विद्युत
के
दोहन
के
अतिरिक्त
एसजेवीएन
स्वास्थ्य,
शिक्षा,
ढांचागत
विकास
सहित
अन्य
क्षेत्रों
में
भी
सामाजिक
जिम्मेवारी
का
निर्वहन
कर
रहा
है।
महाप्रबन्धक
श्री
ए.के.
मुखर्जी
ने
धन्यवाद
प्रस्ताव
प्रस्तुत
किया।
एसजेवीएन
के
निदेशक
एवं
अधिकारी,
राजभवन
के
अधिकारी,
मेधावी
विद्यार्थी
तथा
उनके
अभिभावकों
में
समारोह
में
भाग
लिया।
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