राजस्थान की स्कूल की किताबों में पढ़ाया जाएगा मोदी और वसुंधरा का 'चैप्टर'
किताब में बताया गया है कि एंट्राप्रेन्योर बनने के लिए अच्छी लंबाई और सुंदर रंग होना बहुत जरूरी है। कक्षा 12 की किताब में स्किल डेवलपमेंट के अध्याय में यह बात कही गई है।
नई दिल्ली। राजस्थान में सेकेंडरी और सीनियर सेकेंडरी सरकारी स्कूलों के पाठ्यक्रम में कुछ बदलाव किया गया है। इसकी किताबों में 'समाजोपयोगी योजनाएं' को जोड़ा गया है, जिसमें भाजपा सरकार के कामों को गिनाया गया है। इसमें भाजपा सरकार के उन सभी कामों को गिनाया है जो केंद्र या राज्य में किए गए हैं।
एंट्राप्रेन्योर
बनने
के
लिए
ऐसी
होनी
चाहिए
'बॉडी'
वहीं
दूसरी
ओर
हिंदी
में
लिखी
किताबों
में
कुछ
ऐसी
बातें
भी
लिखी
हैं,
जिन
पर
विवाद
हो
रहा
है।
इनमें
से
ही
एक
है
एंट्राप्रेन्योर
बनने
के
लिए
योग्यता।
किताब
में
बताया
गया
है
कि
एंट्राप्रेन्योर
बनने
के
लिए
अच्छी
लंबाई
और
सुंदर
रंग
होना
बहुत
जरूरी
है।
कक्षा
12
की
किताब
में
स्किल
डेवलपमेंट
के
अध्याय
में
यह
बात
कही
गई
है।
उसमें
एंट्राप्रेन्योर
बनने
के
लिए
जिन
खूबियों
को
गिनाया
गया
है,
उनमें
शारीरिक
गुण
भी
शामिल
है।
ये
खूबियां
हैं-
उत्तम
स्वास्थ्य,
प्रभावशाली
व्यक्तित्व,
अच्छी
ऊंचाई,
सुंदर
रंग,
शालीनता,
गंभीरता।
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समाजोपयोगी योजनाएं किताबों की चार सीरीज हैं, जो कक्षा 9 से लेकर कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए हैं। हर किताब में चार अध्याय हैं जो केंद्र सरकार भाजपा की राज्य सरकार की योजनाओं का बखान करती हैं। इन योजनाओं में केंद्र का स्वच्छ भारत अभियान और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और राज्य काी मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना और भामाशाह योजना हैं। वहीं दूसरी ओर, सरकारी स्कूल के अध्यापकों के सात सदस्यीय दल द्वारा तैयार की गई किताबों का बड़ा हिस्सा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की घोषणाओं और योजनाओं के बारे में है। ये भी पढ़ें- एंटी रोमियो दल: महिलाओं ने सराहा तो पुलिस की गलती से हुआ कुछ बदनाम