13 गांवों को परेशान कर रहे टाइगर को खोजने के लिए मिर्जापुर में आया हाथी
वन विभाग की टीम के साथ ही विशेषज्ञ भी चाह रहे हैं कि टाइगर के भय से ग्रामीणों को मुक्त कराया जाए। इसलिए वह टाइगर का पता लगाने के लिए नए नए प्रयोग कर रहे हैं।
मिर्जापुर।
मिर्जापुर
के
मड़िहान
जंगल
से
सटे
शिष्टा
खुर्द
गांव
में
टाइगर
के
दिखने
के
बाद
सोमवार
को
उसकी
खोजबीन
के
लिए
हाथी
को
उतारा
गया।
हाथी
पर
सवार
होकर
कानपुर
चिड़ियाघर
के
विशेषज्ञों
की
टीम
ने
गांवों
के
साथ
ही
जंगल
में
भी
टाइगर
की
खोजबीन
किया।
बावजूद इसके टाइगर का कहीं पता नहीं चल पाया। वन विभाग की टीम के साथ ही विशेषज्ञ भी चाह रहे हैं कि टाइगर के भय से ग्रामीणों को मुक्त कराया जाए। इसलिए वह टाइगर का पता लगाने के लिए नए नए प्रयोग कर रहे हैं।
हाथी पर हमला नहीं करता टाइगर
टाइगर को खोजने वाली टीम की अगुवायी कर रहे डा.आरके सिंह का कहना है कि हाथी की ऊंचाई अधिक होती है। इस पर बैठने से टाइगर दूर होगा तब भी पता चल जाएगा। साथ ही टाइगर हाथी पर हमला भी नहीं करता है। इसलिए यह भी प्रयोग करके देखा जा रहा है। यदि इससे भी पता नहीं चलता है तो मान लिया जाएगा कि टाइगर दूर निकल गया है। ग्रामीणों को सावधानी के साथ दहशत मुक्त रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा। विशेषज्ञ टीम का कहना है कि वह बहुत दिनों तक टाइगर के चक्कर में यहां रुक भी नहीं सकते हैं।
शिष्टा सहित 12 से अधिक गांवों में टाइगर का दहशत
मड़िहान जंगल से सटे शिष्टा खुर्द गांव में टाइगर के दिखने और दो लोगों के हमला करने के बाद गायब होने के बाद से इलाके के 12 से अधिक गांवों में दहशत है। लोग दिन हो या रात घरों से बाहर निकलने में भय खा रहे हैं। वह खेतों की ओर जाना बंद करके के साथ ही बच्चों को स्कूल भी नहीं भेज रहे हैं। पशुओं को भी घरों पर रख लिए हैं। इलाके के शिष्टा, बसहा, सेहटा, मनोहरपुर, लखनीपुर, पचोखरा,पहिली, रेकसा, बैरहवा,दाढीराम, चिकुलिया, बंतरव आदि गांवों के लोगों का कहना है कि उनकी सुरक्षा के लिए गांव में पुलिस व पीएसी की तैनाती की जाए। शिष्टाखुर्द प्राथमिक विद्यालय के सौ और पूर्व माध्यमिक विद्यालय के 139 बच्चों के चेहरे पर भी टाइगर के आने का भय दिखा।
सबसे पहले गेहूं के खेत में किसान ने देखा था टाइगर
जिले के मड़िहान जंगल से सटा हुआ शिष्टा गांव है। चार दिन पहले शाम को पांच बजे के करीब गांव के लोग खेतों की ओर गए थे। इसी बीच एक किसान ने दारोगा सिंह के गेहूं के खेत में जंगली जानवर को देखा और शोर मचा दिया।जंगल की आग की तरह जानकारी ग्रामीणों तक पहुंच गई। फिर क्या था गांव के साथ ही पडोसी गांवों के लोग भी लाठी डंडे लेकर धमक पड़े। इसी बीच वन विभाग की टीम और पीएसी भी पहुंच गई। टीमो की ओर से लोगों को नियंत्रित किया जाने लगा।
दो लोगों को टाइगर ने किया है घायल
लोग लाठी डंडा लेकर खेत के चारो ओर जुटे थे इसी बीच खेत से निकले टाइगर ने 65 वर्षीय सेवालाल और 19 वर्षीय धीरज पर हमला करके घायल कर दिया। घायलो को प्राथमिक स्वासथ्य केंद्र पर ले जाया गया है। शाम तक टाइगर गेहूं के खेत में छिपा रहा। लोग उसके आस पास लाठी डंडे लेकर खुद की सुरक्षा में लगे रहे। ( फोटो में टाइगर के पांव के निशान )
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