कैसे पढ़े लाडो, जब 17000 स्कूलों में नहीं है शौचालय
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले से आवाहन किया देश के हर स्कूलों में शौचालय बनाए जाए। मोदी ने हर घर में शौचालय की बात की, लेकिन भाजपा शासित छत्तीसगढ़ में ये सपना पूरा कर पाना काफी कठिन होगा। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 76.07 फीसदी ग्रामीण परिवारों के पास खुद के शौचालय नहीं हैं, जबकि ऐसे परिवारों का राष्ट्रीय औसत 59.40 फीसद है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट भारत में पेयजल, स्वच्छता, आरोग्यता एवं आवासीय स्थिति में छत्तीसगढ़ समेत देश भर में शौचालयों, पेयजल और स्वच्छता की स्थिति के तथ्य चौंकाने वाले हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ के ग्रामीण प्यास बुझाने के लिए देश में सर्वाधिक दूरियां तय कर रहे हैं। राज्य के लगभग 82 फीसदी ग्रामीण आबादी को अपनी प्यास बुझाने के लिए आधा किलोमीटर से ज्यादा की दूर जाना होता है। वहीं छत्तीसगढ़ में आधी से ज्यादा आबादी स्वच्छ पेयजल से वंचित है। आगे के आंकड़े और भी चौंकाने वाले है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के 1000 स्कूलों में शौचालय बनने के बाद कंडम हो गए। स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण छात्राओं के लिए बने 583 और छात्रों के लिए बने 516 शौचालय खराब स्थिति में हैं। इन शौचालयों का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो गया है। इसके साथ ही रायपुर के 78 स्कूलों में छात्राओं और 220 स्कूलों में छात्रों के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है।
प्रदेश में 8 हजार 164 स्कूल ऐसे हैं जहां छात्राओं के लिए शौचालय नहीं है। फलस्वरुप छात्राएं स्कूल जाने से कतराती हैं। हजारों छात्राएं सिर्फ इसलिए स्कूल छोड़ने को विवश हुईं कि शौचालय नहीं होने की वजह से उन्हें कई बार असहज स्थिति का सामना करना पड़ जाता है। एक साल पहले रायपुर से अलग होकर नया जिला बना गरियाबंद में 1561 स्कूलों में से 604 स्कूलों में छात्राओं के लिए शौचालय नहीं है, जबकि 206 स्कूलों में छात्रों के लिए शौचालय नहीं है।
प्रदेश में जिन स्कूलों में छात्राओं के लिए शौचालय बनाया गया है वह रख-रखाव के अभाव में अनुपयोगी हो चुकी हैं। आदिवासी क्षेत्र के स्कूलों में शौचालय की स्थिति पर बात करें तो यहां स्थिति सर्वाधिक खराब है। बस्तर में 738, सूरजपुर में 683, सरगुजा में 560, गरियाबंद में 394, जशपुर में 369, कोरिया में 358 और कांकेर में 323 स्कूलों में शौचालय का निर्माण किया गया, लेकिन अब वे खराब हालत में पहुंच गए हैं।