कड़ाके की ठंड में मां ने नवजात बच्चे को झाड़ी में फेंका
पटना (मुकुंद सिंह)। जाको राखे साइयां, मार सके ना कोई' जी हां यह कहावत बिहार की राजधानी चरितार्थ होती दिखी। पटना से महज 8 किलोमीटर दूर फुलवारी शरीफ के लहियारचक में देर शाम एक महिला अपने नवजात बच्चे को झाड़ी में फेंक कर चली गई।
अपने बच्चे को फेंक कर महिला वहां से इतनी तेजी से निकल गई, कि लोग समझ ही नहीं पाये कि क्या हुआ। जब बच्चे के रोने की आवाज़ आयी तो भीड़ इकठ्ठा होनी शुरू हो गई।
एक कपड़े में लिपटे इस बच्चे को उठाने के लिये कोई आगे नहीं बढ़ रहा था। जरा सोचिये उस निर्दयी में के बारे में, जिसने 9 महीने तक बच्चे को अपनी कोख में रखा और फिर इस दुनिया में लाई, वही उसे मरने के लिए झाड़ी में फेंक कर चली गई।
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इस मां ने तो अपनी ममता को ताक पर रख दिया, लेकिन उस बूढ़ी मां की ममता काबिल-ए-तारीफ है, जिसने तुरंत बच्चे को उठाया और अस्पताल ले गई।
यहां आया ट्विस्ट
बूढ़ी मां जब बच्चे को अस्पताल ले गई, तो अस्पताल वालों ने उसे बच्चा चोर करार देते हुए पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने भी आनन-फानन में बूढ़ी मां को जीप में बिठाया और थाने में ले जाकर डाल दिया।
करीब चार घंटे बाद पुलिस ने स्थानीय लोगों से पूछताछ की तब जाकर पता चला कि वह चोर नहीं एक मां थी, जिसे उस बच्चे का रोना नहीं देखा गया। खैर बच्चे का फिलहाल बाल संरक्षण गृह में रखा गया है और उसकी मां की तलाश जारी है।
मां शब्द की लज्जा इस बूढ़ी मां ने तो रख ली, लेकिन सवाल अब ये उठता उस मां कि कौन सी विवशता थी जो अपने कलेजे के टूकड़े को इस कड़ाके के ठंढ में मरने के लिए झाड़ी में फेंकना पड़ा।