राम विलास पासवान की गोद में रो रहा बिहार का मलाही गांव
पटना (मुकुंद सिंह)। केंद्र में मोदी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना सांसद आदर्श ग्राम योजना चल रही है, जिसमें केंद्र सरकार के द्वारा यह दावा किया गया है कि हर सांसद अपनी संसदीय क्षेत्र के एक गांव को गोद लेंगे और वहां विकास की गंगा बहाएंगे। लेकिन जमीनी स्तर पर देखें तो बड़े-बड़े वादे सिर्फ कागजों पर ही दिखाई दे रहे हैं। इस योजना के धरातल पर आने की बात सुनने के बाद लोगों में जहां खुशी की लहर दौड़ गई थी। वहीं अब लोग इसे छलावा मान रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं लोजपा सुप्रीमो व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के द्वारा गोद लिए गए गांव की। इसे देखकर यह स्पष्ट हो जाएगा कि केंद्र सरकार द्वारा यह योजना सिर्फ कागजों पर ही लागू किया गया था।
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वैशाली जिला के सराय में स्थित एक गांव अकबर मलाही को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज से 2 वर्ष पहले गोद लिया था। गोद लेने से पहले गांव का जो हाल था वही हाल आज ही देखने को मिल रहा है। इस गांव को देखने के बाद यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस गांव में विकास की किरण अब तक पहुंची ही नहीं है।
जब केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने अकबर मलाही गांव को गोद लिया था तब वहां की जनता में खुशी की लहर दौड़ गई थी। और उन लोगों ने यह उम्मीद लगाई थी कि अब हमारे गांव का विकास बड़े पैमाने पर होगा, लेकिन सारी की सारी उम्मीद धरी रह गई। अकबर मलाही गांव वासियों के द्वारा यह उम्मीद इसलिए लगाया गया था कि मंत्री रामविलास पासवान जिस तरह अपनी लोकप्रियता के बल पर आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं। उसी तरह इस गांव का विकास करेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
अकबर मलाही गांव
गांव के लोगों की मानें तो योजना के नाम पर कई तरह का ख्वाब ग्राम वासियों को दिखाये गये। आज तक ख्वाब ख्वाब ही है। विकास का काम जस का तस पड़ा हुआ है। वर्तमान में इस गांव का हाल ऐसा है कि जहां गांव पूरा गांव मूलभूत सुविधाओं का अभाव झेल रहा है।
सड़कों की हालत काफी दयानीय है। यूं कहें कि इस गांव के सड़कों की हालत देख कर यह बताना मुश्किल हो जाएगा कि रोड में गड्ढे हैं या गड्ढे में रोड। इस गांव में पेयजल योजना का भी काफ़ी अभाव देखा जा रहा है। पेयजल योजना की नींव रखी गई थी, लेकिन अब तक शुरु नहीं किया गया है। इसी तरह का हाल इस गांव के अस्पताल का है। नींव रखने के बाद भी उसका काम अब तक शुरु नहीं हो सका है। वही इस गांव के स्कूल की हाल तो पूछिए ही मत। क्योंकि तस्वीर सारी बातें बयां कर रही है।
गांव वालों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री इस मामले में रुचि नहीं ले रहे हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री के साथ-साथ उनके अमला भी सांसद आदर्श ग्राम योजना को अनदेखा कर रहे हैं।