वाह रे योजना! नीतीश कुमार के गृह जनपद में "मुर्दे" भी उठा रहे हैं वृद्धा पेंशन
नालंदा। सरकार द्वारा गरीबों को दिए जाने वाले वृद्धा पेंशन योजना की राशि अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के मुर्दे भी उठा रहे हैं। आप सोच रहे होंगे कि मुर्दे कैसे सरकारी सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं तो हम आपको बताते हैं। मुर्दे को पेंशन दिलाने में ग्रामीण मुखिया का सहयोग अहम होता है। मुखिया के सहयोग से ही गांव के वृद्ध लोगों की लिस्ट ब्लॉक में जाती है। लेकिन मुख्यमंत्री के गृह जिला नालंदा में गरीबों को मिलने वाला पेंशन राशि में इस कदर लूट मची है कि इसके असली हकदार इस योजना से वंचित रह जाते हैं और घोटालेबाज योजना का लाभ लेकर चैन की बांसुरी बजाते हैं।
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वहीं इस मामले को उजागर करते हुए नालंदा के जिला पंचायत राजेश रंजन ने कहां की मेरी मां जो वृद्ध हो चुकी है उसे पिछले कई सालों से सरकार द्वारा दी जाने वाली वृद्धा पेंशन राशि की सुविधा नहीं मिल पा रही थी। सुविधा नहीं मिलने के कारण हम लोगों ने मुखिया से लेकर संबंधित अधिकारियों तक सभी का दरवाजा खटखटाया पर किसी ने भी हमारी मदद नहीं की। इसके बाद हमने जब समाज कल्याण विभाग की वेबसाईट से अपने गांव के पेंशनधारियों की लिस्ट निकाली और सर्वे किया तो ये देखकर दंग रह गए कि सैंकड़ो मरे हुए लोगों ने नाम पर भी पेंशन उठाया जा रहा है।
उसी सैंकड़ो मे मेरी मां का भी एक नाम था जिसें हर महीने वृद्धा पेंशन राशि दिए जाने की बात कही गई थी। जब सर्वे किया गया तो विभाग की वेबसाइट पर ऐसे लगभग 200 नाम सामने आए हैं जिनकी मौत कई वर्ष पहले हो चुकी थी। इन सभी में मुखिया का हाथ होने की बात सामने आई है। सच सामने आने के बाद राकेश इस लिस्ट की सच्चाई को लेकर लोक आयुक्त कार्यालय से लेकर शिकायत निवारण कार्यालय तक आवेदन देते हुए मामले की जांच कर दोषियों पर कारवाई करने की मांग की है।