जीतन राम मांझी के काफिले पर हमला, गाड़ी फूंकी, जान बचाकर भागे
गया।
बिहार
के
पूर्व
मुख्यमंत्री
जीतन
राम
मांझी
को
गया
के
डुमरिया
में
एलजेपी
कार्यकर्ताओं
का
विरोध
झेलना
पड़ा।
आक्रोशित
कार्यर्ताओं
ने
मांझी
के
काफिले
पर
हमला
बोल
दिया
और
स्कॉट
में
शामिल
एक
गाड़ी
को
फूंक
दी।
हालात
ऐसे
हो
गए
कि
जीतन
राम
मांझी
को
मौके
से
जान
बचाकर
भागना
पड़ा।
'कॉलेज
के
दिनों
में
जीतन
राम
मांझी
पर
मरती
थीं
लड़कियां'
इसी बीच जीतन राम मांझी पीडि़त परिवार से मिलने पहुंचे। इसी दौरान उनके काफिले को निशाना बनाया गया। आपको बताते चलें कि बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर यहां के लोगों में काफी रोष है। विपक्ष ने नीतीश सरकार को जंगलराज करार दिया है वहीं अब मांझी पर हमले ने जंगलराज के मुद्दे को और गरमा दिया है।
एक दिन में हुई ये घटनाएं
- गया में एलजेपी नेता और उनके भाइयो को गोलियों से भून डाला गया।
- उपमुख्यमंत्री तेजश्वी यादव के विधानसभा छेत्र राघोपुर के बिदुपुर में एक शख्स की गोली मारी,अस्पताल में गंभीर स्थिति में भर्ती।
- पटना के प्रमुख चिकित्सक डॉ हेमंत वर्मा से मांगी गई एक करोड़ की रंगदारी।
- पटना जिला के ही बख्तियारपुर में एक ज्वेलर्स से मांगी गई पांच लाख की रंगदारी।
- मोतिहारी में काम कर रही निर्माण कंपनी से मुकेश पाठक गिरोह ने एक लाख की रंगदारी की मांग की है।ये वही मुकेश पाठक है जिसने दिसंबर 2015 में दरभंगा में इसी कंपनी के दो इंजीनियरों की हत्या कर दी थी।गिरोह के अन्य सदस्य तो पकडे गए लेकिन मुकेश पाठक अब भी फरार है।
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मोतिहारी
में
कपडा
व्यवसाई
को
गोली
मारी,घटना
के
पीछे
रंगदारी
की
आशंका।