हाल बिहार के सरकारी अस्पताल का, मरने के पहले ही जारी किया मृत्यु प्रमाणपत्र
पटना। सूबे में जीवित व्यक्ति के मर जाने का प्रमाणपत्र जारी हो रहा है। यानी मरने के पहले ही मृत्यु प्रमाणपत्र का होता है पंजीकरण साथ ही मरने के पूर्व ही मृत्यु प्रमाणपत्र मिल जाता है जीवित व्यक्ति को। यह सुनकर आपको थोड़ा सा अटपटा लग रहा होगा लेकिन यही सच्चाई है। इस तरह का खेल सारण जिले के तरैया प्रखण्ड के अंतर्गत डेवढ़ी पंचायत के भटौरा गांव में हुआ जहां मृतक शिवकुमार साह की पत्नी गीता कुंवर को उनके पति का मृत्यु प्रमाणपत्र मिला है।
उसपर मृत्यु की तिथि 31 अगस्त 2016 तथा निर्गत तिथि 13 अगस्त 2016 है, यानि की मृतक शिवकुमार साह को मरने के पहले ही मिल गया मृत्यु प्रमाण पत्र। इस सम्बन्ध में मृतक के पिता धनेश्वर साह ने बताया कि इसका खुलासा तब हुआ जब मृत्यु प्रमाण पत्र मृतक के कार्यरत सुता फैक्ट्री हिमाचल प्रदेश में आर्थिक सहायता के लिए भेजा गया लेकिन सुता मिल के मैनेजर ने मृत्यु प्रमाणपत्र को जाली बोल लौटा दिया तो घर वाले भौंचक्के रह गए। लेकिन जब प्रमाणपत्र को परिजनों ने देखा तो वो भी आश्चर्यचकित रह गए। तब इस बात का खुलासा हुआ। इस संबंध में जब डेवढ़ी ग्राम पंचायत के पंचायत सचिव से बात की गई तो उसने इसे मानवीय भूल बताया और कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र को सुधार कर दोबारा दिया जायेगा।