बिन ब्याही मां की दर्दनाक कहानी, जिसे जानने के बाद छिप-छिपकर प्यार करना भूल जाएंगे आप
लड़की की मां ने समाज में जाकर अपनी लड़की के साथ हुए धोखे की सच्चाई बताई। जिसके बाद समाज के लोगों ने मिलकर एक पंचायत बुलाया और उस लड़के को भी उस पंचायत में शामिल किया।
मधुबनी। छिप-छिप कर प्यार करना और प्यार को अपने अंजाम तक पहुंचाना तो ठीक है पर रास्ते में छोड़कर अपने वादे से मुकर जाना खास कर प्रेमिका के लिए एक अभिशाप बन जाता है। जिसके बाद वह तो न सर उठा कर चल सकती है और ना सर झुका कर। समाज भी उसे कुल्टा और बदचलन की नजरों से देखने लगता है। फिर जीना और मरना दोनों दुश्वार होने जाता है। इसी तरह का एक मामला बिहार के मधुबनी जिले में सामने आया है। यहां एक लड़के ने अपनी प्रेमिका से शादी करने का वादा कर उसके साथ शारीरिक शोषण किया तथा जब वह उसके बच्चे की मां बनने वाली हो गई तो उसे बीच रास्ते में छोड़ अपने वादे से मुकर गया।
फिर लड़की अपने गर्भ में 9 महीने की बच्चे को लिए दर-दर भटकते हुए अपनी दुखभरी कहानी सुनाने लगी। समय बीता और का चक्र चलता गया और लड़की बिन ब्याही मां बन गई। जिसके बाद सभी उसे करेक्टर पर सवालिया निशान लगाने लगे। पर लड़की की मां ने समाज में जाकर अपनी लड़की के साथ हुए धोखे की सच्चाई बताई। जिसके बाद समाज के लोगों ने मिलकर एक पंचायत बुलाया और उस लड़के को भी उस पंचायत में शामिल किया। OMG! कुत्ते का पट्टा बांधकर गर्लफ्रेंड को मॉल में घुमा रहा था लड़का, तस्वीर हुई वायरल
पंचायत ने दोनों की शादी कराने का फैसला सुनाया। पर लड़का शादी से इंकार कर गया। लड़का के इनकार करने के बाद गांव वालों ने मामले की जानकारी नजदीकी थाना को दी और इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करवाई। अब पुलिस भी भी इस मामले में लड़की की कोई मदद नहीं की बल्कि आरोपी को बचाते हुए मामले को टाल मटोल करने की कोशिश में लग गई। जिसे देखते हुए पीड़ित लड़की और उसके गांव वाले डीआईजी डॉक्टर सुकन पासवान के दरबार में अपनी फरियाद लेकर पहुंचे और उन्हें मामले की जानकारी देते हुए लड़की ने कहा है कि गांव के ही इसराइल के पुत्र अफरोज ने झांसा देकर उसका शारीरिक शोषण किया।
गर्भवती होने पर शादी करने का आश्वासन दिया। लेकिन बच्चे के जन्म लेने के बाद भी उसने शादी नहीं की। वही स्थानीय पुलिस आरोपी की मदद कर रही है। इस मामले को सुनते ही डीआइजी ने इसे गंभीरता से लिया और मधुबनी एसपी से मामले कि स्थिति की जानकारी ली। तथा स्पष्ट रूप से कार्रवाई कर पीडि़ता को इंसाफ दिलाने का आदेश दिया।