वाह रे सुशासन! रंगदारी मांगे जाने की शिकायत करने वाले DIG पर ही गिरा दी गाज
पटना। बिहार में चल रहे सुशासन की सरकार की जमीनी हकीकत की पोल खुल गई है। कोशी क्षेत्र के डीआईजी चंद्रिका प्रसाद से मांगी गई रंगदारी मामले में जैसे जांच पड़ताल शुरू की गई तो 24 घंटे के भीतर उनपर गाज गिराते हुए उनका ट्रांसफर मुजफ्फरपुर बीएमपी में कर दिया गया।
आपको बताते चलें बीते 24 जून को डीआईजी चंद्रिका प्रसाद के सरकारी मोबाइल पर उत्तर प्रदेश के आजम खान के नाम से फोन करते हुए 20 लाख रूपये की रंगदारी मांगी गई थी। जिसमें रंगदारी मांगने वाले व्यक्ति ने कहा था कि अगर अपनी सलामती चाहते हो तो रिटायरमेंट का आधा पैसा मुझे दें दो नहीं तो परिवार सहित तुम्हे बम से उड़ा देंगे।
अपराधियों द्वारा धमकी भरे फोन आने के बाद डीआईजी ने मामले की जांच अपने स्तर से करते हुए धमकी देने वाले नंबर का मोबाइल सीडीआर निकाला तो जिसके नाम पर सीम लिया गया था वह विजय नगर, गाजियाबाद निवासी किसी शेष नारायण नामक व्यक्ति के नाम से निर्गत पाया गया। जिसके बाद डीआईजी ने 26 जून को सहरसा थाने में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया। हालांकि पुलिस अभी इस मामले की जांच कर रही है।
उल्लेखनीय है कि चंद्रिका प्रसाद राजधानी पटना के बेऊर थाना क्षेत्र के राधा-कृष्ण कॉलोनी में रहते हैं। उनके घर के पास कुछ असामाजिक तत्व के लोगों का जमावड़ा भी लगा रहता है। चंद्रिका प्रसाद के इस आवास में पूर्व में डकैती व चोरी की तो घटनाएं हुई ही हैं कुछ माह पूर्व इन असमाजिक तत्वों ने उनके आवास के बाहर काफी हंगामा मचाया और चंद्रिका प्रसाद को जान से मारने की धमकी भी दी।
इस संदर्भ में इस आईपीएस अधिकारी द्वारा बेऊर थाना में नामजद प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की जबकि चंद्रिका प्रसाद के पास उस घटना से संबंधित प्रमाणिक वीडियो भी मौजूद हैं। डीआइजी ने रंगदारी मांगे जाने संबंधित अपने आवेदन की प्रति दरभंगा प्रक्षेत्र के आईजी और आईजी मुख्यालयको भी भेजा है।