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OMG! लड़की की उम्र 8 साल और वजन 85 किलो, जानिए पूरी कहानी

By मुकुंद सिंह
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मधेपुरा। दुनिया में हर मां-बाप अपने बच्चों को तंदुरुस्त देखना चाहते हैं। और इसी तंदुरुस्ती के लिए दिन रात मेहनत के साथ साथ भगवान से अपने बच्चों की तंदुरुस्ती की दुआ भी मांगा करते हैं। लेकिन हम आपको आज तंदुरुस्ती की ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जिसे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। तस्‍वीर में आप जिस 8 साल की बच्ची को देख रहे हैं उसका वजन 85 किलो है। इस बच्‍ची की डाइट सामान्य बच्चों से चार गुना ज्यादा है।

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Childhood obesity: An eight-year-old who weights 85 kg

जी हां मामला बिहार के मधेपुरा जिला का है। जहां के चौसा थाना लौआलगान गांव की रहने वाली 8 वर्षीय बच्ची आंचल की तंदुरुस्ती उसके पूरे परिवार पर परेशानी बनी हुई है। अधिकांशत: यह देखा जाता है कि 8 वर्षीय बच्ची का वजन 20 किलो के आसपास रहता है वही इसका वजन इससे 4 गुना से भी अधिक है। बढते वजन के कारण आंचल के परिवार वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आंचल के मां-बाप का कहना है कि जन्म के वक्त बच्ची बिल्कुल सामान्य थी। पर जैसे ही 3 वर्ष की हुई उसका वजन असामान्य रूप से बढने लगा।

OMG! लड़की की उम्र 8 साल और वजन 85 किलो

इसके बढ़ते वजन को देखते हुए गांव के आसपास सभी डॉक्टरों से इलाज कराया गया पर इलाज का कोई भी असर आंचल पर नहीं हुआ। उसके बाद आंचल को इलाज के लिए मुंगेर ले जाया गया जहां डॉक्टर ने बताया कि इस बच्ची की चर्बी बढ गई है। इलाज कराने में पांच हजार रूपये हर महीने खर्च लगेगा। यह सुनने के बाद आंचल के माता पिता को अपनी बेटी बोझ लगने लगी है। क्योंकि उसके माता पिता मजदूरी कर अपना जीवन यापन करते हैं। इसके बाद उसे सरकारी अस्पताल मधेपुरा ले जाया गया। जहां उसके इलाज के संबंध में मधेपुरा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अखिलेश कुमार ने बताया कि आंचल हार्मोनल बीमारी से ग्रसित है इसका इलाज यहां संभव नहीं हो सकता है।

इसे किसी बड़े अस्पताल में इलाज कराना होगा। यह सुनते ही आंचल के परिवार वाले मायूस हो गए और अपनी गरीबी पर पछताने लगे। आंचल अपने नाना नानी के यहां रहती है। और ये लोग भी मजदूरी करके ही अपना परिवार चलाते हैं। जब उन लोगों को यह पता चला कि इस बीमारी का इलाज बड़े अस्पताल में होगा जिसमे काफी पैसे का खर्च लगेगा। यह सुनने के बाद आंचल सबके उपर बोझ बन गई है। तो अपनी सहेलियों के बीच आंचल हंसी का पात्र है। मोटापे के कारण उसे चलने फिरने में भी दिक्कत होती है। जहां इसकी बीमारी को लेकर पूरा परिवार चिंतित है तो इसके पूरे परिवार अब सरकार पर उम्मीद लगाई बैठी है।

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English summary
Childhood obesity, also called pediatric obesity is affecting thousands of children around the world. One such case is Aanchal from Medhupura in Bihar. At an early age of just 8 years old, Aanchal weighs about four times more than her peers.
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