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आबादी के आंकड़ों से खेला जाएगा बिहार असेंबली चुनाव

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नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केन्द्र सरकार का धार्मिक आधार पर जनसंख्या के आंकड़े जारी करना किसे लाभ पहुंचा सकता हैं? क्या टाइमिंग है?

सरकार ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक देश में हिन्दुओं की तादाद 96.63 करोड़ और मुसलमानों की आबादी 17.22 करोड़ है। हालांकि ये नहीं बताया जा रहा है कि पिछले दशक के दौरान यानी 2001-2011 में देश की मुस्लिम आबादी की बढ़ोतरी दर स्वाधीन भारत के इतिहास में सबसे कम रही है।

घटी है आबादी

यानी पिछले दशक में मुसलमानों की आबादी बढ़ने की बजाय घटी है, यानी इससे पहले के दशकों में मुस्लिम आबादी जिस रफ्तार से बढ़ रही थी, अगर वही हालात रहते तो आज मुसलमानों की आबादी 17.22 करोड़ ना होकर इससे कहीं अधिक रहती।

बढ़ने की दर

सरकारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1971-1981 के दशक में भारत में मुस्लिम आबादी की बढ़ोतरी दर 30.78 प्रतिशत थी, 1981-1991 के दशक में ये बढ़कर 32.88 फीसदी हो गई लेकिन 1991-2001 के दशक में इसमें तेजी से गिरावट आई और ये घटकर मात्र 29.52 फीसदी रह गई यानी इसमें 3.36 फीसदी की अभूतपूर्व गिरावट हुई है।

क्या बढ़ेगी बिहार असेंबली में मुसलमानों की तादाद?

वरिष्ठ चिंतक नदीम अख्तर कहते हैं कि संघ, इसके अनुषांगिक संगठन और मीडिया में संघ की आइडियोलॉजी से सहमति रखने वाले पत्रकार इस झूठ को फैलाने और मेजोरिटी को डराने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ रहे कि मुसलमान देश में तेजी से बढ़ रहे हैं और अगर यही हालात रहे तो एक दिन वे बहुसंख्यक बन जाएंगे और हिन्दू अल्पसंख्यक। आंकड़ों का गलत और मनमाना इंटरप्रिटेशन कितना खतरनाक हो सकता है, वो इस मामले में देखा जा सकता है।

जानकार कह रहे हैं कि बिहार चुनाव के ठीक पहले केंद्र सरकार ने जिस तरह से जनसंख्या के ये धार्मिक आंकड़े जारी किए हैं और इसकी व्याख्या की जा रही है, उससे ये अंदेशा होता है कि बीजेपी बिहार के चुनाव में मुस्लिम भय दिखाकर ध्रुवीकरण करना चाहती है। इससे नीतीश कुमार की कही इस बात को भी बल मिलता है कि बीजेपी, बिहार में साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ कर चुनाव में इसका फायदा उठाना चाहती है।

तो मतलब साफ है. बिहार चुनाव और दूसरे अन्य चुनाव जीतने के लिए बीजेपी हर हथकंडा अपनाने को तैयार है। उसके लिए जनसंख्या के सरकारी आंकड़ों को अपने फायदे के हिसाब से टुकड़ों में रिलीज करने की रणनीति भी शामिल है, अगर केंद्र सरकार की नीयत इतनी ही साफ है तो ये आंकड़े काफी पहले आ गए थे, उन्हें अब तक सार्वजनकि क्यों नहीं किया था??

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English summary
Census results would be used in Bihar poll. It is alleged that BJP would use the issue of growing Muslim population to further their cause.
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